हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम को लेकर कांग्रेस की ओर से ईवीएम पर लगाए गए आरोपों का चुनाव आयोग ने खंडन किया। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हर बार चुनाव के बाद ईवीएम को लेकर नए-नए आरोप सामने आते हैं। इस बार भी बैटरी को लेकर आरोप लगाया गया। अगली बार कुछ और आएगा। चुनाव आयुक्त बोले कि कभी कहा जाता है ईवीएम हैक हो जाती है, तो कभी कहा जाता है कि यह पेजर की तरह ब्लास्ट हो सकती है। जबकि हम हर बार आरोपों का खंडन करते हैं। इस दौरान उन्होंने ईवीएम और उसकी बैटरी को लेकर पूरी जानकारी साझा की।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि हमें हरियाणा की 20 विधानसभाओं को लेकर शिकायत मिली है। हर हर शिकायत का जवाब देंगे। इसके जवाब तैयार किए जा रहे हैं। हर बिंदु के साथ पूरा जवाब दिया जाएगा। इसको चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी प्रकाशित किया जाएगा। हमने हर लोकसभा के आरओ को ईवीएम की कमीशनिंग से लेकर मतगणना तक हुए उपयोग की जानकारी उम्मीदवारों को देने के लिए कहा है। यह हमारा कर्तव्य भी है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 चुनावों से परिणाम बदल रहे हैं। मगर जब परिणाम अपने पक्ष में न हो तों यह कहना कि हमें परिणाम पसंद नहीं, यह गलत है।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनाव से पांच से छह महीने पहले ईवीएम का रेंडमाइजेशन और जांच प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद द्वितीय जांच प्रक्रिया, स्टोरेज में रखना, फिर स्टोरेज से निकालना, कमीशनिंग, मतदान के दिन ईवीएम को निकालना, वोट डलवाना, स्ट्रांग रूम में रखना, मतगणना के दिन स्ट्रांग रूम से निकालना और मतगणना पूरी होने तक ईवीएम की हर प्रक्रिया में राजनीतिक दल के उम्मीदवार और उनके एजेंट शामिल होते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि ईवीएम की मतदान से पांच-छह दिन पहले कमीशनिंग होती है, उस दिन इसमें बैटरी डाली जाती है। इसी दिन सिंबल भी डाले जाते हैं। कमीशनिंग के बाद बैटरी को सील करके उस बैटरी पर भी उम्मीदवार और उनके एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं। कमीशनिंग के बाद ईवीएम उम्मीदवार और एजेंट के सामने स्ट्रांग रूम में जाती है। यहां ईवीएम की त्रिस्तरीय सुरक्षा होती है। मतदान के दिन भी यही प्रक्रिया होती है। सब दिखाया जाता है। यहां तक कि ईवीएम के नंबर भी शेयर किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि वोटिंग होने के बाद भी ईवीएम को दिखाकर उम्मीदवार के एजेंट के हस्ताक्षर होते हैं। कहीं ऐसा नहीं होता। मतगणना के वक्त भी यही पूरी प्रक्रिया होती है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम में सिंगल यूज बैटरी होती है। बैटरी शुरू होने पर इसमें चार्ज प्रतिशत और वोल्टेज दिखता है। बैटरी को कम से कम 7.42 वोल्टेज चाहिए होते हैं। 5.8वोल्टेज होने पर बैटरी सिग्नल देती है कि बंद होने वाली है। इसलिए चुनाव आयोग ने ईवीएम को लेकर सब कुछ पारदर्शी रखा है।
दरअसल हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणाम के वक्त कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर ईवीएम और बैटरी में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। कांग्रेस ने आयोग को ज्ञापन देकर 20 विधानसभाओं के परिणाम में गड़बड़ी की शिकायत की थी। अब चुनाव आयोग ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया है।