हरियाणा में कई अन्य जिलों की तरह विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली को अपने गृहजिले फतेहाबाद में भी जनप्रतिनिधि संवाद कार्यक्रम के दौरान सरपंचों का हंगामा झेलना पड़ा। डीपीआरसी हॉल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री जैसे ही अपने संबोधन के लिए उठे तो गांव ढांड के सरपंच चंद्रमोहन पोटलिया ने खड़े होकर अपनी बात रखने के लिए हंगामा कर दिया।
इस पर मंत्री ने कहा कि वह जनप्रतिनिधियों की सुनने ही आए हैं। पहले संबोधन खत्म हो जाए, उसके बाद सभी के विचार, शिकायत व मांगों को सुनकर जाएंगे। इसके बाद मंत्री देवेंद्र बबली ने अपना संबोधन पूरा किया। उसके बाद एक बार फिर सरपंच चंद्रमोहन पोटलिया, किरढ़ान के सरपंच राजेश भिचर व कुछ अन्य सरपंचों ने कहा कि दो लाख की शर्त बेहद गलत है।
वैसे भी महकमे में कर्मचारियों की भारी कमी बनी हुई है। सभी सरपंच बेईमान नहीं होते हैं। इसलिए प्रदेश सरकार को सरपंचों की मांग भी सुननी चाहिए। इस पर मंत्री ने जवाब दिया कि ईमानदारी से काम करने वाले सरपंचों को कोई डर नहीं है। सरपंचों को मात्र दो लाख ही नहीं बल्कि 100 करोड़ रुपये तक के विकास कार्य भी करवाने हैं, लेकिन सारे काम ई-टेंडरिंग से होंगे।
थारा हूं, मेरा फायदा उठा ल्यो
मंत्री देवेंद्र बबली ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि यूं तो मैं पूरे प्रदेश का मंत्री हूं, लेकिन फतेहाबाद मेरा गृह जिला है। इसलिए इस जिले का हक मेरे पर ज्यादा है। इसका लाभ उठाने की जरूरत है। सरपंच अपने काम लेकर आएं, खजाने का मुंह खोल दूंगा। विकास कार्यों के लिए पैसे की कमी नहीं रहने दी जाएगी। रोष जताते हुए ढांड के सरपंच चंद्रमोहन के साथ कुछ अन्य जनप्रतिनिधि कार्यक्रम स्थल से बाहर चले गए।