बेगूसराय से भारतीय जनता पार्टी के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार में शरिया कानून लागू होने की आशंका जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर अपील की है कि वह बिहार में इस इस्लामिक कानून के लागू होने से बचाएं। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले टुकड़े-टुकड़े गैंग ने इस देश के इस्लामीकरण के लिए ऐसे प्रावधान किए हैं, जो दुबई छोड़ ज्यादातर मुस्लिम देशों में प्रभावी हैं। उन देशों में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट ही स्वीकार किया जाता है। उसी तरह का प्रोडक्ट बिहार में भी बना रहा है या खपाया जा रहा है। चाय और पनीर तक हलाल सर्टिफिकेशन के साथ आ रहे हैं और इससे भारत सरकार के FSSAI के समानांतर प्रावधान लाकर अवैध वसूली भी की जा रही है। मांस में हलाल समझ में आता है, लेकिन सामान्य रसोई के उत्पादों में हलाल सर्टिफिकेशन के जरिए इस्लामीकरण का कुत्सित प्रयास मुख्यमंत्री को रोकना चाहिए।
बाजार का कर रहे हैं इस्लामीकरण
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लिखे पत्र में कहा है कि हलाल कारोबार के अंतर्गत जिन चीजों का इस्लाम से कोई संबंध नहीं, उनका कारोबार इस्लामीकरण हो रहा है इसलिए इसे जल्द से जल्द रोका जाय। बातचीत के दौरान गिरिराज सिंह ने बताया कि हलाल एक अरबी शब्द है, जिसको यह मुसलमान लोग वैध मानते हैं और हराम को यह लोग अवैध मानते हैं। लेकिन हमारे सनातन धर्म में हलाल मांस के संदर्भ में ज्यादा पॉपुलर हुआ। जब बकरे को काटते हैं तो तड़पा-तड़पा कर हलाल करके और सनातन धर्म में बली की प्रथा है झटका का। यह मुस्लिम समाज चाय पर, पनीर पर, चीनी पर, नमकीन पर, टीवी पर, जो हलाल सर्टिफिकेशन दे रहा है यह एक तरह से बाजार का इस्लामीकरण कर रहा है। कई मीडिया का सर्वेक्षण है कि ये लोग सर्टिफिकेशन में 2.5 मिलियन एकोनॉमी वसूल रहे हैं। ये लोग सर्टिफिकेशन में केवल एक प्रोडक्ट पर 50,000 से 1 लाख रुपये तक लेते हैं।