हरियाणा सरकार ने वर्ष 2018 में भर्ती हुए ग्रुप डी के 18 हजार कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। कामन कैडर के तहत ग्रुप डी के 18 हजार से अधिक कर्मचारियों को अब उनकी योग्यता के अनुसार पद दिया जाएगा। साथ ही घरों से दूर दराज जिलों में नौकरी कर रहे कर्मचारियों को अब उनके घर के आसपास के कार्यालयों में समायोजित किया जाएगा। इसके लिए हरियाणा सरकार ने हरियाणा ग्रुप डी कर्मचारी (भर्ती और सेवा की शर्तें) अधिनियम, 2018 के तहत विभागों से कर्मचारियों के ट्रांसफर ड्राइव के संबंध में टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं। आगामी दिनों में ग्रुप डी के कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन ट्रांसफर ड्राइव शुरू किया जाएगी। मुख्य सचिव संजीव कौशल द्वारा सभी प्रशासनिक सचिवों को जारी पत्र में 25 नवंबर तक टिप्पणियां और सुझाव भेजने का निर्देश दिया गया है।
हरियाणा सरकार ने वर्ष 2018 में ग्रुप डी के चपरासी, बेलदार, माली, हेल्पर, असिस्टेंट और अन्य पदों के लिए 18 हजार से अधिक पदों पर भर्ती की गई थी। इस पद के लिए योग्यता कक्षा 10वीं पास था लेकिन परीक्षा में बीटेक से लेकर एमए और डिप्लोमा और डिग्री धारक इस भर्ती में शामिल हुए थे। काफी संख्या में अधिक पढ़े लिखे युवाओं का इस भर्ती में चयन हुआ है।
वर्ष 2018 में हुई कामन काडर की भर्ती में कुछ पद अर्धकुशल प्रकृति के थे और अन्य अकुशल प्रकृति के थे। ग्रुप डी में नियुक्त कुछ कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का कुशलतापूर्वक पालन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश सरकार के पास काफी संख्या में शिकायत पहुंची है कि कर्मचारियों को उनको योग्यता के अनुसार पद और विभाग नहीं मिला है। साथ ही घरों से दूर होने के चलते उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इस पर विचार करते हुए सरकार ने ट्रांसफर ड्राइव के संबंध में कांसेप्ट नोट तैयार किया है। इसके तहत अब कर्मचारियों के बड़े स्तर पर तबादले किए जाएंगे। इससे पहले जो कर्मचारी जिस विभाग में जिस पद पर लग जाता था, बाद में उसका न तो पद बदला जा सकता था और न ही विभाग। पहली बार सरकार ने इसका सरलीकरण किया है।
तीन जिलों का दे सकेंगे विकल्प
ट्रांसफर ड्राइव में प्रत्येक कर्मचारी को तीन जिलों का चयन करने का विकल्प होगा, जहां वह स्थानांतरित होना चाहते हैं। कर्मचारी ग्रुप डी के सभी पदों की सूची में से अधिकतम 50 पदों का चयन कर सकता है, जिनके लिए वह खुद को फिट नहीं समझता है। स्थानांतरण अभियान में कर्मचारी को उसके द्वारा चुने गए तीन जिलों में से किसी एक में प्राथमिकता के आधार पर स्थानांतरित करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन पदों पर नियुक्त नहीं करने का भी प्रयास किया जाएगा जिन पर वह काम नहीं करना चाहता है। सरकार द्वारा निश्चित तिथि से 15 दिनों के भीतर पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करने वाले कर्मचारी ही ट्रांसफर ड्राइव के लिए पात्र माने जाएंगे। सरकार द्वारा तैयार कांसेप्ट नोट में एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन या एक पद से दूसरे पद पर ट्रांसफर के मानदंड, सामान्य निर्देश और आवश्यक प्रक्रियाओं व विस्तृत फार्मेट की जानकारी दी गई है।
बोर्ड-निगमों और सरकारी कंपनियों के कर्मचारियों को नहीं राहत
ग्रुप-डी अधिनियम के लागू होने के बाद प्रदेश सरकार के किसी भी विभाग में तैनात सभी ग्रुप-डी कर्मचारी स्थानांतरण प्रक्रिया में भाग लेने के पात्र होंगे। हालांकि, किसी भी सांविधिक निकाय, बोर्ड, निगम, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, संवैधानिक निकाय में तैनात ग्रुप-डी कर्मचारी इस अभियान में भाग लेने के पात्र नहीं हैं।
ये आ रही है दिक्कत
फिलहाल ग्रुप-डी के कर्मचारियों को जो विभाग अलॉट किए गए हैं, वह उनकी योग्यता के अनुसार नहीं है। उच्च शिक्षा प्राप्त को माली का काम दिया गया है, जबकि उसे पौधों की देखरेख की जानकारी नहीं है। बीटेक डिग्री धारक कर्मी को किसी विभाग में पानी पिलाने के लिए लगाया गया है, इसी प्रकार एमए और एमफिल डिग्री धारक को शिक्षा विभाग के बजाय अन्य विभाग में तैनात किया गया। सरकार चाहती है कि जिस कर्मचारी की जैसी योग्यता होगी, उसे उससे संबंधित ही काम दिया जाएगा, ताकि वह बेहतर प्रदर्शन कर सके।