फसल अवशेष जलाने पर पाबंदी को लेकर न केवल कड़ी सख्ती बरती जा रही है बल्कि किसानों को भी जागरूक करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही। कृषि विभाग के साथ-साथ खुद कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा भी इसके लिए आगे आए और उन्होंने किसानों को फसल अवशेष न जलाने का संदेश देने के लिए खुद ही ट्रैक्टर का स्टेयरिंग संभाल लिया।
सुपर सीडर के साथ उन्होंने एक एकड़ खेत में फसल अवशेषों को मिलाते हुए गेहूं की बिजाई की। इस दौरान सुरक्षाकर्मी भी ट्रैक्टर के आगे व पीछे चलते रहे तो कृषि अधिकारी ट्रैक्टर पर सवार रहे। भले ही कृषि मंत्री पहले भी किसान रहे हैं लेकिन अब मंत्री बनने के बाद उन्हें किसान के रूप में देख किसान भी उत्साहित दिखाई दिए।
इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदूषण को रोकने के लिए हमें मिल जुलकर प्रयास करने होंगे। सुप्रीम कोर्ट भी इस मामले को लेकर बहुत गंभीर है। इसलिए किसान भी इस मामले की गंभीरता को समझें व पराली को खेत में ही मिलाएं। कृषि विभाग द्वारा आयोजित गांव बन में पराली प्रबंधन पर प्रदर्शन प्लॉट कार्यक्रम के दौरान किसान गुरदेव सिंह के खेतों में ट्रैक्टर चलाने के बाद किसानों को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पराली को खेतों में ही मिलाने से जहां खेत उपजाऊ होगा, वहीं भूमि की शक्ति भी बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि खेतों में जितनी पराली को मिलाया जाएगा उतना ही भूमि में पानी को सोखने की क्षमता बढ़ेगी। जितना खेतों में पराली के फाने दबाएं जाएंगे उतना ही खेतों की शक्ति व उपजाऊ शक्ति बढ़ जाएगी। खेतों में उर्वरकों की खपत भी घट जाएगी व किसान खुशहाल होगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि खेतों में खड़े फानों में पानी देने के बाद गेहूं की बिजाई करने पर लगभग 25 दिन के बाद पराली खेतों में बैठ जाती है तथा गेहूं ऊपर आ जाता है। इसलिए किसान इस विधि को अपना कर खेतों को उपजाऊ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राइवेट सैलरों के साथ-साथ सरकारी सैलर लगाने के बारे में भी विचार किया जा रहा है। सरकार प्राइवेट सैैलरों को आने वाली कठिनाइयों से भी परिचित है तथा उनके लिए भी कार्य योजना तैयार कर रही है।
कृषि मंत्री का फोन आते ही अधिकारियों ने रात को ही चिह्नित किया खेत
कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने मंगलवार देर शाम करीब सात बजे कृषि उपनिदेशक के पास कॉल की और कहा कि वे किसानों के बीच खेतों में ही जाकर फसल अवशेष न जलाने का संदेश देना चाहते हैं। विभाग के अधिकारी उसी समय ऐसा खेत चिह्नित करने में जुट गए और रात को न केवल गांव बण में खेत को चिह्नित किया बल्कि पूरा कार्यक्रम भी तय किया गया। जहां आज बुधवार को कृषि मंत्री पहुंचे तो उन्होंने किसानों को संदेश देने के साथ-साथ खुद भी सुपर सीडर के साथ ट्रैक्टर चलाया तो इसके फायदे भी बताए।
ये रहे मौजूद : इस अवसर पर भाजपा जिला प्रधान सुशील राणा, पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन धर्मवीर मिर्जापुर, उप कृषि निदेशक डॉ. कर्मचंद, उपमंडल कृषि अधिकारी जितेंद्र मेहता, सहायक कृषि अभियंता राजेश वर्मा, गुण नियंत्रण निरीक्षक शशीपाल शर्मा, सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी अनिल चौहान, खंड कृषि अधिकारी शशिकांत कृषि विकास अधिकारी राकेश सहारण व प्रमोद कुमार उपस्थित थे।