कुरुक्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो, लोगों को अधिक से अधिक सुविधाएं मिल सके। इसके लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन वास्तविकता में ये सुविधाएं कितनी मिल पा रही है, यह पोल वीरवार को उस समय खुल गई जब विभाग के मुख्यालय से एक टीम निरीक्षण करने पहुंची। वार्डो में पुरानी चद्दरें बिछी थी तो लैब पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई सुविधा नहीं थी। यहां तक कि उनके लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं की गई। अल्ट्रासाउंड मशीन बंद मिली तो कईं यत्र ही मौके पर नहीं पाए गए। यह देख निरीक्षण करने पहुंची टीम भी हैरान रह गई।

तीन दिन पहले ही एसीएस ने किया था सिविल अस्पताल का निरीक्षण
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ काजल कामरा च एनसीडी स्टेट कोर्डिनेटर डॉ नीरू के नेतृत्व में पहुंची टीम ने हालांकि कई जगह व्यवस्था दुरूस्त मिलने पर संतोष भी जाहिर किया तो वहीं कड़े निर्देश भी दिए। सुबह करीब साढ़े नौ बजे ही टीम पहुंच गई और करीब साढ़े चार घंटे तक अस्तपताल का कौना-कौना खंगाला। इस दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों में हड़कंप सा मचा रहा।

अधिकारियों की ली क्लास
टीम ने ओपीडी से लेकर सभी वार्ड, कोविड वार्ड, शिशु वार्ड, सिटी स्कैन केंद्र, लैब से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी जांची। यहां तक कि टीम ने अस्पताल भवन में लगे अग्निश्मन यंत्रों की एक्सपायरी डेट तक को देखा। हालांकि अधिकतर जगहों पर व्यवस्था संतोषजनक मिली, लेकिन कई जगह खामियां मिली तो स्वास्थ्य अधिकारियों की क्लास भी ली।

हब कटर नहीं मिला, स्टाफ नर्स भी नहीं दे पाई जवाब
टीम जब अस्पताल में लैब का निरीक्षण कर रही थी तो इसी दौरान डिप्टी डायरेक्टर ने हब कटर दिखाने को कहा, लेकिन वहां मौजूद कर्मियों के उस समय हाथ-पांव फूल गए जब हब कटर नहीं मिला।  ढूंढने का प्रयास करने पर भी नहीं मिला तो बाद में चतुर्थ श्रेणी कर्मी को बुलाया गया, उसने हब कटर दिखाया तो बाद में उसने बताया कि वह उसी ने ऐसी जगह रख दिया था, ताकि कोई उसके साथ छेड़छाड़ न कर सके।

पुरानी चद्दरें क्यों, नई होनी चाहिए..

डिप्टी डायरेक्टर ने वार्डो की जांच की तो वहां बेडों पर पुरानी चद्दरें बिछी मिली। यह देख उन्होंने कारण पूछा तो सीएमओ ने बताया कि 700 नई चरद्दें खरीदी गई है। इस पर डिप्टी डायरेक्टर ने सख्ती से कहा कि उन्हें प्रयोग में लाया जाना चाहिए।

अल्ट्रासाउंड मशीन न रहे एक दिन भी बंद
टीम ने अस्ट्रालासाउंड केंद्र का निरीक्षण किया, जहां पिछले चार दिन से मशीन बंद थी। मरीज बाहर अल्ट्रासाउंड कराने को खड़े थे। इस पर डिप्टी डायरेक्टर ने जवाब मांगा तो बताया गया कि इंजीनियर तकनीकी खामी को दुरूस्त करने में लगा है जल्द चालू होगी। वहीं इसी दौरान उन्होंने एक्सरे मशीन भी देखी, जो दुरूस्त पाई गई। वहीं लैब पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से व्यवस्था न होने पर डिप्टी डायरेक्टर ने लताड़ लगाई और कहा कि इनके लिए अलग से लाइन तक होनी चाहिए।

खून में नमक जांच के लिए मशीन ही नहीं
जब डिप्टी डायरेक्टर ने लैब में खून में नमक जांच को लेकर प्रयोग की जाने वाली सिरप इलेक्ट्रोलाइट मशीन के बारे में पूछा तो अधिकारी बोले, यह मशीन है ही नहीं। इसके लिए विभाग को मांग भेजी हुई है। यह सुनकर डिप्टी डायरेक्टर हैरान रह गई और कहा कि इसे जल्द मंगवाए प्रयोग में लाया जाए।

सोमवार को ही पहुंची थी एससीएस
बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की एसीएस जी अनुपमा ने भी सोमवार को ही अस्पताल का दौरा किया था, जिस दौरान भी कईं कमियां सामने आई थी। हालांकि स्थानीय अस्पताल प्रशासन ने इन्हें दूर करने का प्रयास किया, लेकिन तीसरे दिन ही फिर हुए दौरे ने यहां कई अन्य कमियों की पोल खोल दी। एसीएसए ने बारना स्थित स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण किया था। डिप्टी डायरेक्टर की टीम ने वहां पर भी निरीक्षण किया। उधर एक टीम ने शाहाबाद के स्वास्थ्य केंद्र का भी निरीक्षण किया।