हरियाणा सरकार प्रदेश में सरस्वती के नाम से पैक मिनिरल वाटर लाने की तैयारी कर रही है। सरकार ने हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड की जिम्मेदारी तय की है। बोर्ड इस मिनिरल वाटर को अंतरराष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव में लांच करने की तैयारी कर रहा है। बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमिच ने इसकी पुष्टि की है।
बड़े ब्रांड के अलावा गंगा और अन्य नदियों के नाम से पानी पहले ही बाजार में है। अब इसी दिशा में हरियाणा सरकार भी कदम आगे बढ़ा रही हैं। मालूम हो कि सरस्वती का पानी सरकार के एजेंडे में शामिल है। सरस्वती को लेकर सरकार ने पहली बार बोर्ड का गठन किया है। इस प्रोजेक्ट पर संघ और सरकार पिछले कई वर्षों से हरियाणा में काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सरस्वती प्रोजेक्ट के महत्व से अवगत हैं।
हरियाणा में संघ के बड़े पदाधिकारी रहे स्व. दर्शनलाल जैन ने भी सरस्वती प्राजेक्ट को यहां तक लाने में भगीरथ प्रयास किए हैं। नासा और इसरो जैसे देश-विदेश रिसर्च सेंटर सैटेलाइट चैनलों ली गई तस्वीरों के माध्यम से यह पहले बताया जा चुका है कि हिमाचल, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात से होकर गुजरने वाली सरस्वती नदी के प्राचीन भूमिगत मार्ग में भारी मात्रा में जल कोष आज भी उपलब्ध है।
आरओ से ज्यादा शुद्धता का हो चुका है दावा
सरस्वती नदी के मार्ग पर कई जगहों पर बोरिंग करने के बाद केंद्रीय भूमिगत जल बोर्ड के वैज्ञानिक भी यह दावा कर चुके हैं कि जमीन के नीचे सरस्वती का यह जल आरओ से भी ज्यादा शुद्ध है। बोर्ड के उपाध्यक्ष के मुताबिक सरस्वती नदी का पवित्र जल हिमालय के ऊंचे ग्लेशियरों से प्रवाहित होते हुए आदिबद्री तक पहुंचता हैं।
दो लैब और एजेंसियों से साधा गया है संपर्क
हरियाणा सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता नितिन कुमार के अनुसार सरस्वती के भूमिगत जल और पहाड़ी जल का इस्तेमाल पैक ड्रिंकिंग वाटर के रुप में हो,इसके लिए दो लैब और एजेंसियों से संपर्क साधा जा चुका है। सरस्वती के पवित्र जल की बोतले भी जल्द मार्केट में नजर आएगा। यह सीएम मनोहरलाल का ही विजन है। उनके विजन पर काम करते हुए ही हम इस प्रोजेक्ट को दो कदम आगे बढ़ा रहे हैं।