पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में आज हरियाणा सरकार राम रहीम सिंह की फरलो को जायज बताने के लिए दलीलें पेश करेगी। जस्टिस बीएस वालिया की बेंच में आज सरकार को इस मामले में जवाब पेश करना है। 7 फरवरी को दी गई फरलो को याचिका में पंजाब विधानसभा चुनाव की निष्पक्षता के लिए बड़ा खतरा बताया गया था। हालांकि चुनाव अब समाप्त हो चुके हैं और अगर गुरमीत राम रहीम की फरलो अब रद्द भी होती है तो सियासी रुप से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
डेरे का हरियाणा समेत पंजाब, राजस्थान और यूपी जैसे राज्यों में काफी प्रभाव है। 15 दिनों से डेरा मुखी बाहर है। 27 फरवरी को उसने सरेंडर करना है। डेरा मुखी को डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्या मामले, पत्रकार रामचंद्र छात्रपति हत्या मामले समेत साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में सजा हो चुकी है। 400 के लगभग साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला अभी विचाराधीन है।

हाईकोर्ट ने केस की पिछली सुनवाई पर सरकार को फरलो से जुड़ा रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा था। एडवोकेट जनरल बीआर महाजन ने मामले में प्रारंभिक दलीलें पेश की थी। इसमें डेरा मुखी को दी फरलो को नियमों के तहत बताया गया था। कहा गया था कि रोहतक मंडल के आयुक्त ने पुलिस रिपोर्ट व कुछ शर्तों के साथ गुड कंडक्ट प्रिजनर्स के नियमों के आधार पर राम रहीम को फरलो दी है।
निर्दलीय उम्मीदवार ने उठाया है फरलो का मुद्दा
पंजाब के समाना निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार 56 वर्षीय परमजीत सिंह सोहाली ने याचिका दायर की थी। उसने कहा था कि डेरा प्रमुख को फरलो ऐसे समय में दी गई, जब पंजाब विधानसभा चुनाव होने हैं। डेरा पंजाब के कुछ क्षेत्रों में प्रभाव का दावा कर करता रहा है। डेरा प्रमुख की रिहाई से राज्य के विधानसभा चुनाव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
वहीं कहा गया था कि इतने घिनौने अपराध करने वाले दोषी को यह राहत नहीं देनी चाहिए थी। याचिका में मांग की गई है कि गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले को रद्द किया जाए। इस फरलो के आदेश को गैरकानूनी व गैरजरूरी बताया गया है। उसे सुनारिया जेल भेजे जाने की मांग की गई है।
कड़ी सुरक्षा में गुरुग्राम के नाम चर्चा घर में है राम रहीम
राम रहीम गत 7 फरवरी से गुरुग्राम के नाम चर्चा घर में रह रहा है। यहां पर वह कड़ी पुलिस सुरक्षा में है। वह ज्यादा किसी से नहीं मिल रहा है और जो लोग उससे मिलने जा रहे हैं, उनका भी पुलिस पूरा रिकॉर्ड रख रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) भी हरियाणा सरकार द्वारा गुरमीत राम रहीम को फरलो देने के फैसले का विरोध कर चुकी है।