हरियाणा: गुलाम नबी आजाद से भूपेंद्र हुड्डा की मुलाकात पर भड़कीं कुमारी सैलजा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा की गुलाम नबी आजाद से मुलाकात पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह कदम पार्टी के रैंक और फाइल को भ्रमित और निराश करता है। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की सदस्य और पार्टी की हरियाणा इकाई की पूर्व अध्यक्ष शैलजा ने राज्य में विपक्ष के नेता हुड्डा के खिलाफ पार्टी आलाकमान में शिकायत दर्ज कराई है और कारण बताओ नोटिस की भी मांग की है। 

वहीं इस मामले में हुड्डा ने कहा कि जहां तक आजाद साहब से मुलाकात का सवाल है, हम बरसों से एक ही पार्टी में थे और हमने कुछ मांगें रखी थीं। उन मांगों को स्वीकार कर लिया गया और पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव हो रहे हैं। फिर भी, उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया। हमने उनसे कारण पूछा लेकिन कोई कड़वाहट नहीं थी। 

हुड्डा के अलावा, जी-23 के दो अन्य सदस्यों आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को आजाद से उनके दिल्ली आवास पर मुलाकात की। शैलजा ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल समेत पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं के समक्ष यह मामला उठाया है।

शैलजा ने गुरुवार को कहा कि हुड्डा ऐसे वक्त में आजाद से मिलने जा रहे हैं, जब उन्होंने पार्टी छोड़ दी, नेतृत्व को दोषी ठहराया और हमारे नेताओं के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी भी की। इसने पार्टी को निराश किया। आजाद ने पार्टी छोड़ दी तो उनके घर जाने का क्या मतलब है।  

हुड्डा की कट्टर विरोधी मानी जाती शैलजा ने पार्टी आलाकमान को बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस की राज्य इकाई के मामलों को चलाने के लिए खुली छूट दी गई थी लेकिन यह स्वीकार्य नहीं है। हुड्डा जी-23 नेताओं के उन नेताओं में शामिल हैं, जिन्होंने अगस्त 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष को लिखे एक पत्र में सभी स्तरों पर संगठनात्मक बदलाव और चुनाव की मांग की थी। उन्होंने शर्मा और चव्हाण के साथ जी-23 की भविष्य की रणनीति के बारे में आजाद के साथ चर्चा की थी।

कांग्रेस ने अप्रैल में कुमारी शैलजा को हटाकर पूर्व विधायक और हुड्डा के वफादार उदय भान को हरियाणा इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया था। शैलजा को बाद में सीडब्ल्यूसी सदस्य बनाया गया था।

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