हरियाणा को पंजाब से जोड़ने वाले दिल्ली चंडीगढ़ हाईवे पर अंबाला में घग्गर नदी का पानी छह फुट तक भर गया है। जिस कारण जीटी रोड को बंद करना पड़ा है। इससे पंजाब का हरियाणा से संपर्क टूट गया है। वहीं रेलवे ट्रैक पर भी पानी भरा होने के कारण दिल्ली से चंडीगढ़ जाने वाली ट्रेनों को कुरुक्षेत्र में रोका गया है। उधर, चंडीगढ़ से दिल्ली की ओर जाने वाली ट्रेनें स्थगित कर दी गई हैं। 

अंबाला में नदियों ने मचाई तबाही
सोमवार को लगातार तीसरे दिन बारिश से उफनाई टांगरी, मारकंडा और घग्गर तीनों नदियों ने अंबाला में तबाही मचाई है। इससे अंबाला का करीब 40 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है। टांगरी नदी के उफान से आसपास के क्षेत्रों में पानी भर गया है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों ने घरों की छतों पर शरण ली है। बीती रात भी टांगरी के पास से 400 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है। प्रशासन की ओर से बचाव कार्य जारी है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए क्षेत्र में एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है। साथ ही सेना को भी अलर्ट पर रखा गया है। वहीं मुलाना में मारकंडा नदी का पानी अम्बाला-जगाधरी हाईवे पर अत्यधिक मात्रा में आ गया, जिससे हिमाचल प्रदेश डिपो की बस पलट गई, जिसमें 27 लोग थे। इन्हें मशक्कत के बाद बचाया गया। सोमवार को जिले में करीब 130 एमएम बारिश हो चुकी है।

Water of Ghaggar river lodge on the GT Road in Ambala, connectivity of haryana punjab is lost

अंबाला में बारिश व नदी के पानी से जलभराव। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसीअंबाला में रेलवे ट्रैक पर पानी से कुरुक्षेत्र में स्थगित हुई संपर्क क्रांति, यात्रियों को बसों से किया रवाना
भारी बारिश और नदियों में उफान के चलते अंबाला में बने बाढ़ के हालात का असर रेलवे पर भी पड़ा है। सोमवार को कुरुक्षेत्र रेलवे स्टेशन पर ही ट्रेन संख्या 12217 संपर्क क्रांति को रोकना पड़ा। इस दौरान करीब 500 यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इन्हें बाद में मंजिल तक पहुंचाने के लिए रेलवे विभाग को ही सात बसें लगानी पड़ी। कईं अन्य ट्रेनें भी आगे नहीं बढ़ पाईं तो रेलवे अधिकारी देर रात तक यात्रियों के लिए व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ जमा रही।

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यात्रियों को बसों से भेजा आगे। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसीजानकारी के मुताबिक संपर्क क्रांति नई दिल्ली से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी और इसका कुरुक्षेत्र में ठहराव नहीं था। रेलवे की ओर से अंबाला में ही इसका ठहराव निर्धारित है, लेकिन रेलवे के अधिकारियों को अंबाला के हालात का पता चला तो ट्रेन काे कुरुक्षेत्र में ही स्थगित करना पड़ा। इसके पश्चात सभी यात्रियों को सुविधा देने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर विशेष प्रबंध किए गए। यात्रियों को चंडीगढ़ तक निशुल्क पहुंचाने के लिए रेलवे प्रशासन की ओर से सात बसों का इंतजाम किया गया और उन्हें गंतव्य की ओर रवाना किया गया।

पानी ज्यादा होने के कारण लिया निर्णय : विनोद
स्टेशन मास्टर विनोद कुमार ने बताया कि अंबाला से चंडीगढ़ रेलवे ट्रैक पर पानी ज्यादा होने के चलते रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेन को स्थगित किया गया है। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ से आने वाली गाड़ियां भी स्थगित रहेंगी। इसके अलावा दिल्ली से लुधियाना जाने वाली गाड़ियों को भी सिर्फ अंबाला तक जाने की अनुमति रेलवे प्रशासन की ओर से दी गई है।

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खतरे के निशान पर घग्गर। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसीगुहला में बाढ़ अलर्ट, खतरे के निशान तक पहुंचने को घग्गर नदी का पानी
तीन दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण व पहाड़ों से बाद गुहला-चीका क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सोमवार देर शाम क्षेत्र से गुजर रही घग्गर नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है। समाचार लिखे जाने तक नदी में 23.4 फीट तक पानी पहुंच चुका था। खतरे का निशान 23 फीट पर है। बताया जा रहा है कि यदि पंचकूला, अंबाला और कैथल में बारिश न रुकी तो नदी किनारे बसे 18 से ज्यादा गांवों में बाढ़ की स्थिति बन जाएगी। उधर, पोलड़ गांव से गुजर रही सरस्वती नदी भी उफान पर है। पिहोवा में अधिक बारिश होने से इस नदी में पानी बढ़ गया है।

रविवार शाम तक घग्गर नदी का पानी महज 10 फीट ही था लेकिन सोमवार को जिले में हुई 600 मिलीमीटर बारिश से घग्गर के जलस्तर में एकाएक वृद्धि हो गई। औसतन 86 एमएम बारिश का असर है कि घग्गर नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 0.4 फीट ऊपर पहुंच चुका है। बारिश न रुकी तो जल्द ही नदी का बढ़ता पानी रिंग बांध को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि ऐसी स्थिति पैदा हुई तो हलका गुहला के बोपुर, कमेहड़ी, गगड़पुर, अरनौली, छन्ना जट्टान, दाबा, चाबा, सरोला, भूंसला, खंबेहड़ा सहित दो दर्जन गांवों के साथ साथ पंजाब के भी आधा दर्जन गांवों के किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।यमुना नदी उफान पर, आसपास के गांवों में भरा पानी, मकान गिरने से दंपती की मौत
करनाल जिले में सोमवार को 41 एमएम बारिश दर्ज की गई। यमुना से लगे इंद्री के पांच गांवों में पानी भर गया। प्रशासन की टीम ने मौके का जायजा लिया। वहीं सोमवार की सुबह नीलोखेड़ी के गांव सग्गा में बारिश से एक मकान की छत गिर गई, जिसके मलबे में दबकर दंपती की मौत हो गई। दूसरी ओर तरावड़ी में भी मकान की छत गिरी, गनीमत रही कि यहां किसी की जान नहीं गई।

सरस्वती नदी का पानी आसपास के क्षेत्रों में भरा, प्रशासन अलर्ट
कुरुक्षेत्र में रविवार से सोमवार दोपहर तक 120 एमएम बारिश दर्ज की गई है। इसमें सुबह आठ बजे तक ही सबसे ज्यादा इस्माईलाबाद क्षेत्र में 242 एमएम दर्ज की गई। वहीं पिहोवा में 184 एमएम बारिश हुई। डीसी ने सभी विभागों के मुखियाओं को मुख्यालय पर रहने के आदेश दिए हैं। वहीं 66 अधिकारियों, पटवारियों व ग्राम सचिवों को फील्ड में उतारा गया है। लाडवा व इस्माईलाबाद में टूटे तटबंधों को मशक्कत के बाद सोमवार को पाट दिया गया है। दूसरी ओर सरस्वती नदी का पानी कई क्षेत्रों में भर चुका है।

यमुनानगर में दर्जनों गांव में बाढ़ की स्थिति, ट्रैक्टर ट्रालियों से सुरक्षित स्थानों पर जा रहे लोग
हथिनी कुंड बैराज पर जलस्तर रविवार रात तीन लाख क्यूसेक तक पहुंच गया था, लेकिन पानी डिस्चार्ज करने के बाद सोमवार को सुबह 1.5 लाख क्यूसेक पानी था। इसके बाद दोपहर तक यह सवा दो लाख क्यूसेक पहुंच गया। यमुना नदी किनारे बसे लापरा में तीन से चार फीट तक तो कई जगह पांच फीट तक पानी भरा है। लोग ट्रैक्टर ट्रॉली पर सामान रख कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। करीब दो दर्जन गांवों में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। डीसी ने प्रभावित गांवों का दौरा किया, लेकिन कहीं राहत नहीं पहुंचाई गई है। दूसरी ओर शहर की पांच दर्जन से ज्यादा कॉलोनियां जलमग्न हैं। जिले में पिछले 24 घंटे में करीब 250 एमएम बारिश दर्ज की गई है।

पिंजौर में पहाड़ का मलबा गिरने से मकान ढहा

भारी बारिश के कारण पंचकूला के पिंजौर में पहाड़ का मलबा गिरने से तलहटी में बना मकान ढह गया और एक युवक व उसके भांजे की मौत हो गई। वहीं एक छोटी बच्ची अभी मलबे में दबी हुई है। तीनों अपने मकान में बैठकर खाना खा रहे थे। स्थानीय लोगों ने मलबे को हटाना शुरू किया और सूचना पुलिस व फायर ब्रिगेड को दी गई। रेस्क्यू के नाम पर फायर ब्रिगेड के तीन और पुलिस के दो कर्मचारी पहुंचे।पिंजौर निवासी 19 वर्षीय आकाश उसकी छोटी बहन पांच वर्षीय प्रिया और सात वर्षीय भांजा कार्तिक घर में खाना खा रहे थे। उनके साथ एक महिला धनवंती भी बैठी थी। उनका घर पहाड़ की तलहटी में बना है। सुबह करीब 9:30 बजे भारी बारिश के कारण पहाड़ का काफी मलबा खिसक गया और वो उनके मकान पर आ गिरा। 

धनवंती किसी तरह दौड़कर बाहर निकल गई, मगर आकाश, कार्तिक और प्रिया मलबे में दब गए। सूचना मिलते ही आस-पास के लोगों ने दौड़ लगाई और मलबे को हटाना शुरू किया। समाचार लिखे जाने तक आकाश और कार्ति का शव मलबे से निकाला जा चुका था। प्रिया को ढूंढ़ने में लोग जुटे हैं।

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हरियाणा CM के सभी कार्यक्रम रद्द, आपात बैठक बुलाई, हिमाचल में फंसे पर्यटक
भारी बारिश से हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। प्रशासन के साथ अब सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है।  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अपने सभी पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। उन्होंने हरियाणा सिविल सचिवालय में अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई है। सीएम मनोहर लाल पूरे प्रदेश में भारी बारिश के कारण उत्पन्न हुई स्थिति की समीक्षा करेंगे। बैठक में रेवेन्यू और डिजास्टर मैनेजमेंट, गृह विभाग, शहरी स्थानीय निकाय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के अधिकारी हिस्सा लेंगे। वहीं सभी जिलों के उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस से बैठक करेंगे। 

हरियाणा के पर्यटक हिमाचल में फंसे, मनोहर ने सुक्खू से की बात

हिमाचल में मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो गया है। कई जगह भूस्खलन से रास्ते बंद हो गए हैं। इससे सैकड़ों पर्यटक हिमाचल में फंसे हुए हैं। इनमें हरियाणा के भी पर्यटक शामिल हैं। इन पर्यटकों से उनके परिजनों का संपर्क नहीं हो पा रहा है। प्रभावित पर्यटकों के परिजनों ने इस संबंध में हरियाणा सरकार से गुहार लगाई। सूचना मिलते ही मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक्शन में आ गए। 

उन्होंने तुरंत हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बातचीत की। उन्होंने हरियाणा के लोगों को सुरक्षित निकालने का आग्रह किया। इस पर हिमाचल के सीएम ने मनोहर को भरोसा दिलाया कि पर्यटकों को सुरक्षित हरियाणा पहुंचा दिया जाएगा। इस संबंध में हरियाणा सरकार की ओर से फंसे पर्यटकों की एक सूची भी दी है।