बड़ागुढा ब्लॉक के गांव भंगू में सुबह करीब 5.30 बजे डाट लगी छत गिरने से कमरे में सो रहे पति-पत्नी मलबे में दब गए। लोगों ने जब तक दोनों को मलबे से बाहर निकाला तब तक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी। महिला को घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे का शिकार दंपती के तीन लड़के भी इसी कमरे में सो रहे थे लेकिन वह सभी सुबह जल्दी उठकर बाहर काम करने में जुट गए। यही वजह है कि उनकी जान बच गई। 

जानकारी के अनुसार गांव भंगू में बलवंत सिंह का परिवार एक कमरे के मकान में रहता है। सोमवार सुबह 5:30 बजे अचानक छत भरभराकर कमरे में सो रहे दंपती पर गिर गई। कमरे के बाहर काम कर रहे दंपती के दो पुत्रों को जब हादसे का पता चला तो उन्होंने शोर मचाया। शोर सुनकर आसपास के लोग भी मौके पर पहुंचे। 

ग्रामीणों की मदद से छत के मलबे के नीचे दबे 50 वर्षीय बलवंत सिंह व उनकी पत्नी को बाहर निकाला गया। हालांकि बलवंत सिंह की मौके पर मौत हो गई, जबकि पत्नी घायल हो गई। घायल महिला को सिरसा के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बलवंत सिंह के शव को नागरिक अस्पताल के शवगृह में रखवाया गया है। हादसे की सूचना बड़ागुढ़ा पुलिस को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।

जाको राखे साइयां मार सके ना कोय
जाको राखे साइयां मार सके ना कोय की कहावत उस समय सही साबित हुई जब यह हादसा हुआ। छत गिरने से कुछ समय पूर्व ही इस कमरे में दंपती के अलावा उसके तीन पुत्र भी सो रहे थे। एक लड़का सुबह जल्दी उठकर सैर पर चला गया और दो लड़के जल्दी उठकर घर के अन्य काम में लग गए।