नीलम की मां सरस्वती ने बताया कि गुरुवार रात को 9:30 बजे के आसपास किसी जांच एजेंसी के पांच-छह लोग आए थे, जो पूछ रहे थे कि नीलम का मकान यही है। जो लोग आए, उनमें एक गनमैन और एक पुलिस कर्मचारी थी, जिसने वर्दी पहन रखी थी। मकान के ऊपर वाले जिस कमरे में नीलम रहती थी, उसकी तलाशी ली और अन्य कमरों को भी टीम ने खंगाला।
यह लोग यहां से कोई सामान अपने साथ नहीं ले गए। गांव के सरपंच सोनू ने कहा कि गांव की लाइब्रेरी में नीलम बच्चों को पढ़ाती थी, जो होनहार लड़की है। इस तरह का कदम क्यों उठाया, इस बारे वह लोग नहीं जानते। मंच पर बोलना नीलम को पसंद था। बेरोजगारी के खिलाफ वह अक्सर मंच पर बोलती रहती थी।
दिल्ली नीलम से मिलने गए भाई की नहीं हो पाई मुलाकात
नीलम के भाई रामनिवास अपनी बहन से मिलने शुक्रवार सुबह दिल्ली रवाना हुए। रामनिवास ने फोन पर जानकारी दी कि वह अपनी बहन से मिलने गए थे, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई। संसद में सेंध मामले को लेकर ग्रामीण सोशल मीडिया और टीवी चैनल पर इस मामले को देखते पाए गए। पूरे दिन गांव में इस मामले को लेकर ग्रामीण चर्चा कर रहे थे।