हरियाणा पंजाब को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर को आखिरकार खोलने के आदेश आ गए हैं। हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को एक हफ्ते में बॉर्डर खोलने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के इस फैसले के बाद अंबाला और इससे जुड़े पंजाब के इलाकों से लोगों और प्रमुख तौर पर व्यापारियों ने चेन की सांस ली है।
दूसरी ओर अब किसान नेताओं की तरफ से भी बॉर्डर खुलने पर दिल्ली जाने की बात सामने आ रही है। हालांकि किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वे आदेश को अपने अधिवक्ताओं से मंगाकर देखेंगे। इसके बाद सभी मोर्चों की बैठक कर निर्णय लेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि हरियाणा सरकार ने बेरिकेडिंग लगाकर रास्ता रोका है, जो हाईकोर्ट के आदेश से जगजाहिर हो गया। आगे मोर्चे की रणनीति पर आगे ही निर्णय लिया जाएगा। बुधवार को बॉर्डर खोलने की सूचना के बाद किसानों के खेमे में भी चहलकदमी बढ़ती दिखी।
अंबाला प्रशासन और व्यापारी दोनों सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं, जिससे स्पष्ट हो जाए कि बॉर्डर खोलने की कार्रवाई कब से शुरू होगी। 149 दिनों तक शंभू बॉर्डर बंद रहने से व्यापारियों को करीब 500 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है तो भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को भी 108 करोड़ रुपये से भी अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है।

गौरतलब है कि 13 फरवरी से संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हजारों किसान शंभू बॉर्डर पर पहुंचे तो हरियाणा पुलिस और फोर्स ने उन्हें रोक लिया। यहां पर कंकरीट के बेरिकेड लगाए थे। तीन-चार दिन तक किसानों और पुलिस का संघर्ष भी हुआ। घग्गर नदी के पुल पर बेरिकेड लगाकर दोनों तरफ का आवागमन बंद कर दिया था।
व्यापारियों ने आवाज पर विपक्ष को मिला था मुद्दा
शंभू बॉर्डर पर बेरिकेडिंग पुलिस प्रशासन ने लगाई तो लोगों को लगा कि कुछ ही दिनों में ये बेरिकेडिंग हट जाएगी। मगर साढ़े पांच महीने तक बेरिकेडिंग लगी रही। तीन महीने होते- होते व्यापारियों का काम पूरी तरह से आधा हो गया। अंबाला की होलसेल कपड़ा मार्केट सहित अन्य एसोसिएशन मैदान में आई तो सरकार को बॉर्डर खुलवाने की अपील करती दिखीं। कई बार ज्ञापन दिए और चार घंटे दुकानें बंद कर रोष भी जताया। अब कोर्ट के राहत भरे फैसले से अंबाला के व्यापारियों में काफी खुशी है। सिर्फ यह नहीं बल्कि विपक्ष ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया और सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। हालांकि सरकार की तरफ से तो लोगों को राहत नहीं मिली अब कोर्ट ने उन्हें राहत दे दी है।
आज बॉर्डर की ये है स्थिति
आज किसान शंभू बाॅर्डर पर बनी चौकी के सामने राजमार्ग पर बैठे हैं। उन्होंने अस्थयी टेंट लगा लिए हैं। किसान मजदूर मोर्चा ने पक्का मोर्चा अंबाला लुधियाना राजमार्ग पर ही बना दिया था। बड़े बड़े शेड लगा दिए थे। यहां रोज सभाएं होती हैं। सामने घग्गर नदी पर पत्थर के बेरिकेडिंग के पीछे अंबाला पुलिस और आरएएफ की टुकडियां तैनात हैं। यहां फोर्स भी टीन के शेड में है। अंबाला की तरफ से शंभू बॉर्डर जाते समय अंबाला-लुधियाना राजमार्ग पर देवी नगर के आगे सीमेंट के बेरिकेडिंग लगाकर यातायात बंद किया है। लोग चंडीगढ़ के रास्ते पंजाब या पंजाब के सीमावर्ती अन्य क्षेत्रों से जा रहे हैं।
हमारे पास अभी सरकार के आदेश नहीं आए हैं। आदेश आने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। -डॉ. शालीन, डीसी, अंबाला।
अभी हमारे पास हाईकोर्ट के आदेश नहीं आए हैं। हम आदेश देखेंगे फिर बैठक कर निर्णय लेंगे। मगर हम आज भी कह रहे हैं कि हमें दिल्ली जाना है और हम जाएंगे। -तेजवीर सिंह, मीडिया प्रभारी, किसान मजदूर मोर्चा
शंभू बॉर्डर खुलवाने का जो फैसला हाईकोर्ट ने दिया है। हम स्वागत करते हैं। अगर सात दिनों में भी सीमा नहीं खोली जाती तो जन जागृति संगठन एक बार फिर से रोष जताएगा। सीमा खुलने से सैकड़ों व्यापारियों को राहत की सांस मिलेगी। -रामरतन गर्ग, संयोजक, जन जागृति संगठन
व्यापारी उच्च न्यायालय के इस फैसले पर खुश हैं। पंजाब सीमा खुलेगी तो लंबे समय से बंद पड़े व्यापार को फिर से रफ्तार मिलने की उम्मीद है। -मोहन गोयल, प्रधान, होलसेल कपड़ा मार्केट एसोसिएशन