हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों के लिए 5 साल बाद एक बार फिर से ओवरटाइम की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. हालांकि इस बार सरकार ने ओवरटाइम के नियमों में भी कुछ बदलाव किया है. शुरू में कर्मचारियों को 30 दिन में 60 घंटे ओवरटाइम मिलेगा और यह तीन महीने तक लागू रहेगा. ओवर टाइम की गणना ओवर टाइम पॉलिसी 2002 के अनुसार होगी और यह लंबे रूट और अन्य राज्यों में जाने वाली बसों पर ही लागू होगा
ओवरटाइम के लिए जरूरी शर्तें
-ओवरटाइम केवल लंबे मार्ग या अंतरराज्यीय मार्गों पर ही दिया जाएगा.
-ओवरटाइम के लिए बसों का संचालन 350 किलोमीटर प्रतिदिन होना चाहिए.
-लंबे रूट के लिए कनिष्ठ चालकों और परिचालकों को तैनात किया जाएगा.
-2016 में आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट 2 के तहत लगे चालकों के लिए यह मान्य नहीं होगा.
-चालक परिचालकों को साप्ताहिक अवकाश देना अनिवार्य है, किसी से भी लगातार 10 दिन से अधिक काम नहीं लिया जाएगा.
-अगले दिन की ड्यूटी अंतराल में 9 घंटे का विश्राम दिया जाएगा.
-30 दिन में 60 घंटे ही ओवरटाइम मिलेगा.
-सभी डिपो में कमेटी चालक परिचालकों के ओवरटाइम की समीक्षा करेंगे.
-प्रत्येक सप्ताह ओवरटाइम का आडिट किया जाएगा.
-कर्मचारी को मासिक वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक ओवरटाइम नहीं दिया जाएगा.
-अन्य ड्यूटी पर तैनात कर्मी को मुख्यालय की अनुमति के बिना नहीं लगाया जाएगा
-ओवरटाइम पर खर्च का ब्योरा अलग देना होगा.
-ओवर टाइम की अदायगी केवल 3 महीने और HKRN से पर्याप्त चालक/परिचालकों की उपलब्धता जो भी पहले हो तक ही मान्य होगी.
रोडवेज कर्मियों ने रखी थी मांग
मार्च महीने में रोडवेज कर्मियों के आंदोलन के बाद परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ कर्मचारियों की बैठक हुई थी, जिसमें ओवरटाइम शुरू करने की मांग भी रखी गई थी. जिसके बाद अब ओवरटाइम को शुरू किया जा रहा है.
कर्मचारियों की कमी के चलते लिया गया फैसला
हरियाणा रोडवेज में कर्मचारियों की कमी को देखते हुए सरकार की तरफ से ये फैसला लिया गया है.रोडवेज यूनियन की तरफ से भी लगातार कर्मचारियों की भर्ती की मांग की जा रही है, जिसके बाद विभाग ने 1190 नए कंडक्टर की भर्ती का फैसला किया है. रोडवेज की तरफ से हरियाणा कौशल रोजगार निगम से 1190 कंडक्टरों की मांग की गई है.