कुंवारों व विधुरों की पेंशन योजना के लिए हरियाणा सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना के जरिये सरकार ने बताया है कि पेंशन मिलने के बाद अगर किसी कुंवारे व विधुर ने सरकार को बताए बिना शादी कर ली और चुपचाप पेंशन लेता रहा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सरकार ऐसे व्यक्तियों से पेंशन की राशि 12 फीसदी ब्याज के साथ वसूलेगी।
सरकार ने यह भी बताया है कि तलाकशुदा व सहमति संबंध (लिव इन रिलेशनशिप) में रह रहे व्यक्ति को भी पेंशन नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही अगर कोई पात्र पहले से ही पेंशन ले रहा है तो उसे भी इस योजना का लाभ नहीं दिया जाएगा। इस पेंशन योजना में पूरी तरह से पारदर्शिता रहे, इसके लिए भी सरकार ने कुछ ठोस नियम बनाएं हैं।
हर महीने की 10 तारीख तक परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) अथॉरिटी पात्र लोगों की सूचना सामाजिक न्याय विभाग को उपलब्ध करवाएगी। माह के अंत तक विभाग सभी तथ्यों की जांच करेगा। अगले माह की सात तारीख तक पात्रों की पेंशन आईडी बन जाएगी। इसके बाद विभाग संबंधित व्यक्ति से संपर्क कर उससे पेंशन लेने की सहमति ली जाएगी। इसके बाद उसके खाते में पेंशन पहुंच जाएगी। यह योजना गत एक जुलाई से लागू की गई है।
- पेंशन के पात्र विधुरों की उम्र 40 साल, परिवार पहचान-पत्र में तीन लाख रुपये तक की आय, हरियाणा का निवास प्रमाण-पत्र (कम से कम एक साल से रह रहा हो) होना जरूरी है।
- कुंवारा पेंशन योजना 45-60 वर्ष की अविवाहित महिला व पुरुषों को मिलेगी। इनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इन सभी को हर महीने 2750 रुपये की पेंशन का लाभ मिलेगा। 60 साल की उम्र होने पर यह पेंशन बुढ़ापा सम्मान पेंशन में बदल जाएगी।
71 हजार कुंवारों व विधुरों को मिलेगी पेंशन
हरियाणा सरकार ने दो हफ्ते पहले राज्य के अविवाहित व विधुरों के लिए 2750 प्रति माह पेंशन देने की घोषणा की है। हरियाणा में 71 हजार अविवाहित व विधुर हैं। सरकार को इन पेंशन योजनाओं के लिए हर महीने 20 करोड़ रुपये खर्च करने होंगे। इससे सरकार के बजट पर हर साल 240 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च पड़ेगा।