जहरीली शराब से हो रही मौत के बाद शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी शुक्रवार को सड़क पर उतरी। बसपा नेताओं ने जगाधरी में रक्षक विहार नाका से लघु सचिवालय तक रोष मार्च निकाला। लघु सचिवालय में बसपा नेताओं ने एडीसी को ज्ञापन सौंपा। पुलिस द्वारा रोक लिए जाने के कारण बसपा नेताओं की पुलिस से कहासुनी भी हो गई।
वहीं, फूंसगढ़ गांव के रकबा में नेशनल हाईवे किनारे स्थित जिस ठेके से खुर्दों को जहरीली शराब सप्लाई की जा रही थी उसके बंद होने से आबकारी विभाग को रोजाना लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है। जिस दिन जिले में जहरीली शराब से लोगों के मरने का सिलसिला शुरू हुआ था, तभी से ठेका बंद है। इस ठेके का लाइसेंस धारक महेंद्र सिंह फिलहाल जेल में है।
महेंद्र सिंह ने 11 जोन में ठेके ले रखे हैं। जिनसे हर माह विभाग को पौने दो से दो करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। ऐसे में विभाग की फीस कौन अदा करेगा इसे लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। इसके लिए आबकारी विभाग मुख्यालय में पत्र लिख कर मार्गदर्शन मांगा है। ऐसे में विभाग 11 जोन में चल रहे सभी ठेकों की दोबारा नीलामी करवा सकता है।
11 जोन के सभी ठेके महेंद्र सिंह के नाम पर अलॉट हो रखे हैं। इनमें से कुछ ठेके शहरी व कुछ ग्रामीण क्षेत्र में है। हालांकि कांग्रेस से निष्कासित प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य मांगे राम मारूपुर, एक प्रमुख दल के हल्का अध्यक्ष का बेटा गौरव बुबका, टिंकू व अमरनाथ इन ठेकों हिस्सा था। महेंद्र सिंह के नाम पर लाइसेंस केवल दिखावे के लिए लिया हुआ था। शराब के लेन-देन व बिक्री का सारा हिसाब उक्त चारों आरोपी ही रखते थे। महेंद्र सिंह, गौरव बुबका व मांगे राम मारूपुर को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। शराब बिक्री के बाद हर माह ठेकेदार को आबकारी विभाग की फीस अदा करनी होती है। लाइसेंस धारक के जेल में होने के कारण विभाग को राजस्व के नुकसान की आशंका है।