पंजाब के गृह सचिव गुरकीरत कृपाल सिंह और पुलिस महानिदेशक गौरव यादव गुरुवार को ड्रग ट्रायल मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में पेश हुए।

एनडीपीएस के मामलों में सरकारी गवाहों (सरकारी अधिकारियों) के लापरवाह रवैये पर नाराजगी जताते हुए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब के गृह सचिव, डीजीपी व मुक्तसर साहिब के एसएसपी को तलब कर लिया था। हाईकोर्ट ने तीनों को खुद हाजिर होकर इस मामले में कोर्ट के सवालों का जवाब देने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट ने कहा कि पंजाब में तो अब यह चलन बन गया है कि सरकारी अधिकारी गवाही के लिए पहुंचते ही नहीं हैं। जब एसएसपी को बुलाया जाता है, तो कोर्ट को भविष्य में ऐसा न होने का विश्वास दिलाया जाता है। न्यायालय को यह देखकर दुख हुआ है कि विश्वास दिलाना व्यर्थ है और संभवत: केवल हमें खुश करने के लिए दिया गया है। इन परिस्थितियों में जब देश के इस हिस्से में समाज विशेषकर युवाओं पर नशे का विनाशकारी प्रभाव दिखाई दे रहा है, तो यह न्यायालय अब मूकदर्शक बन कर नहीं रहेगा। ऐसे में हाईकोर्ट ने अब अगली सुनवाई पर पंजाब के गृह सचिव, डीजीपी व मुक्तसर साहिब के एसएसपी को खुद हाजिर होने का आदेश दिया है।

यह है मामला
याचिका दाखिल करते हुए अर्शदीप सिंह ने बताया कि उस पर 1 सितंबर, 2020 को एनडीपीएस का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में 24 फरवरी, 2021 को चालान पेश किया गया था और 18 अगस्त 2021 को चार्ज फ्रेम कर दिए गए। याची ने बताया कि गिरफ्तारी के दिन से ही वह पुलिस की हिरासत में है और ट्रायल लगातार लटक रहा है। इस मामले में 20 गवाह हैं और सभी सरकारी अधिकारी हैं, बावजूद इसके अभी तक केवल एक गवाही ही हो सकी है।