सिरसा से पूर्व विधायक बलकौर सिंह ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। अपने इस्तीफे के साथ उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। बलकौर सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पिछले 5 वर्षों तक पार्टी की तन-मन-धन से सेवा की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें वह मान-सम्मान और सरकारी पद नहीं मिला जिसके वे लायक थे।
हरियाणा में भाजपा के 67 सीटों का वितरण करने के बाद से भगदड़ जारी है। वहीं, हालांकि कांग्रेस ने शुक्रवार को ही कालांवाली की सीट पर मौजूदा विधायक शीशपाल केहरवाला को टिकट दिया है।
बेरी से टिकट न मिलने पर भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमित अहलावत ने छोड़ी पार्टी
बेरी विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की टिकट न मिलने से नाराज़ भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अमित अहलावत ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने सभी पदों से त्यागपत्र देकर भाजपा को अलविदा कह दिया है। अहलावत ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर अपने इस्तीफे की जानकारी दी और साथ ही निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।
अमित अहलावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि उन्हें पार्टी के लिए किए गए अपने योगदान के बावजूद टिकट से वंचित रखा गया, जिससे वे आहत हैं। इसी कारण उन्होंने पार्टी से अलग होने का फैसला किया है।
इसके साथ ही, उन्होंने कल रविवार को डीघल में पंचायत बुलाई है, जिसमें अपने समर्थकों के साथ आगामी रणनीति पर विचार करेंगे। पंचायत में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की जा सकती है।
पूर्व विधायक बलवंत सिंह को टिकट देने पर दाता राम ने छोड़ी भाजपा
साढौरा (आरक्षित) सीट से भाजपा द्वारा पूर्व विधायक बलवंत सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद नाराज चल रहे पार्टी के पूर्व प्रत्याशी एवं भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य दाता राम ने आज भाजपा के सभी पदों के साथ-साथ पार्टी को अलविदा कह दिया। दाता राम ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया। आज दाता राम ने बिलासपुर के आंबेडकर भवन में समर्थकों की बैठक बुलाई। जिसमें उन्होंने पार्टी छोड़ने का निर्णय लिया। अपने संबोधन के दौरान दाता राम रो पड़े। समर्थकों ने उनका हौसला बढ़ाया। सैकड़ों की संख्या में समर्थक आंबेडकर भवन में एकत्रित हुए। इस दौरान एक कमेटी का भी गठन किया गया। जो यह निर्णय लेगी कि दाता राम आजाद चुनाव लड़ेंगे या फिर किसी अन्य दल को समर्थन देंगे।
2005 व 2009 में लड़ा था चुनाव
दाता राम ने 2005 में पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब दाता राम को 6241 वोट मिले थे। इसके बाद 2009 में उन्होंने एक बार फिर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा। इस बार उन्हें 4496 वोट मिले थे। 2014 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इनेलो छोड़ कर भाजपा में शामिल होने पर भी पूर्व विधायक बलवंत सिंह का दाता राम ने विरोध किया था। तब पूर्व सीएम मनोहर लाल ने उन्हें मना लिया था।
2019 में एक बार फिर भाजपा ने बलवंत सिंह को टिकट दिया। इस बार भी दाता राम ने बलवंत सिंह का विरोध किया था। चुनाव के वक्त तो भाजपा ने दाता राम को मना लिया था। परंतु बाद में धीरे-धीरे भाजपा ने उन्हें दरकिनार करना शुरू कर दिया था। यहां तक की दाता राम को जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति के सदस्य पद से भी हटा दिया था। दाता राम भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला महामंत्री व जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
विपरीत परिस्थितियों में लड़ा था चुनाव: दाता राम
दाता राम ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब भाजपा हरियाणा में अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही थी तो उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में चुनाव लड़ा था। भाजपा में अब दिनरात मेहनत करने वालों की कोई वेल्यू नहीं है। भाजपा अब पंडित दीन दयाल उपाध्याय व अटल बिहारी वाजपेयी के सिद्धांतों पर चलने वाली अनुशासित पार्टी नहीं रही। इसलिए भाजपा के सभी पदों व पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
पंचायत में राधा अहलावत पहुंची
महम से भाजपा का टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता सनसेट खरकड़ा और उनकी पत्नी राधा अहलावत आज फैसला करेंगे कि चुनाव लड़ेंगे या नहीं। इसके लिए खगड़ा और दलावत ने समर्थकों की अपने पैतृक गांव खरकड़ा में मां पंचायत बुलाई है खरकड़ा का कहना है कि कार्यकर्ता ही निर्णय लेंगे कि वे आगे क्या कदम उठाएं। शमशेर खेड़ा वाला झालावाड़ कार्यकर्ताओं के बीच पहुंच गए हैं और पंचायत शुरू हो गई है।
बता दें कि भाजपा ने महम से अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा को विधानसभा चुनाव लड़ने का टिकट दिया है।पार्टी नेता शमशेर खरखड़ा अपनी पत्नी राधा अहलावत के लिए टिकट मांग रहे थे।शुक्रवार पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान व जिला अध्यक्ष रणवीर ढाका उनको मानने पहुंचे थे लेकिन खरखड़ा ने शनिवार को फैसला लेने की बात कही थी। आज खरकड़ा और उनकी पत्नी राधा अहलावत निर्णायक फैसला ले सकते हैं कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या नहीं।
टिकट न मिलने से नाराज भाजपा नेता प्रीतम खोखर ने पार्टी छोड़ने का किया एलान
खरखौदा हलके से टिकट न मिलने पर नाराज भाजपा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य प्रीतम खोखर ने पार्टी छोड़ने का एलान किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने उनका मेहनताना नहीं दिया है। वर्ष 2019 में भाजपा ने टिकट नहीं दिया था, तब भी उन्होंने सब्र कर लिया था। अब भी भाजपा ने टिकट वितरण में उनकी अनदेखी की गई है। जिसके चलते वह भाजपा का दामन छोड़ रहे है। रविवार को समर्थकों की बैठक बुलाई है। बैठक में समर्थकों के साथ विचार विमर्श करके आगामी फैसला लिया जाएगा।
प्रीतम खाेखर वर्ष 1985 से राजनीति में सक्रिय है। चौ. देवीलाल में आस्था जताते हुए वह उनकी पार्टी में शामिल हुए थे। इनेलो में वह एससी सेल के प्रदेश उपाध्यक्ष व महासचिव रह चुके है। प्रीतम खोखर जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं। प्रीतम खोखर ने अपनी अनदेखी का आरोप लगाते हुए अप्रैल 2017 में इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।