हरियाणा के रोहतक में शहर में ढाई दशक पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों की एएसजे आरके यादव की अदालत में सुनवाई हुई। धमाकों के आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा ने राजस्थान की अजमेर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में हाजिरी लगाई, लेकिन तीन गवाहों के पेश न होने के कारण अदालत की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी। अब मामले की 6 अक्तूबर को सुनवाई होगी।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक 1997 में शहर की पुरानी सब्जी मंडी में एक सब्जी विक्रेता की फड़ी पर अचानक धमाका हुआ। धमाके में कई सब्जी विक्रेता व ग्राहक घायल हो गए। बम धमाकों से जिला प्रशासन भी सकते में आ गया। पुलिस बम धमाके की जांच पड़ताल कर ही रही थी कि किला रोड पर एक रेहड़ी पर धमाका हो गया।
इस संबंध में सिटी थाने में केस दर्ज किया गया था। तीन साल बाद मामले में दिल्ली पुलिस ने एक युवक को काबू किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि बम धमाकों में यूपी निवासी अब्दुल करीम टुंडा का हाथ है, लेकिन उस समय तक अब्दुल करीम पाकिस्तान के कराची शहर में जा चुका था। डेढ़ दशक बाद जब अब्दुल करीम टुंडा नेपाल के रास्ते भारत आया तो उसे दिल्ली पुलिस ने बॉर्डर पर गिरफ्तार कर लिया था।
दिल्ली से रोहतक पुलिस आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई। तभी से उसके खिलाफ जिला अदालत में बम धमाकों का केस चल रहा है। सुरक्षा के लिहाज से उसे गाजियाबाद की डासना जेल में रखा गया था, लेकिन अजमेर में टुंडा के खिलाफ टाडा एक्ट के तहत केस चल रहा है। इसके चलते उसे अजमेर जेल में शिफ्ट कर दिया गया। अब वहीं से जिला अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी होती है।
अदालत में दिल्ली की अदालत के एक कर्मचारी सहित तीन गवाहों को आना था, लेकिन गवाह कोर्ट में नहीं आ सके। इसके चलते मामले की अगली सुनवाई 6 अक्तूबर तय की गई है। - एडवोकेट विनित वर्मा, वकील, आरोपी पक्ष