मानेसर नगर निगम में टेंडर घोटाला, करोड़ों खर्च फिर भी अंधेरे में सड़कें

मानेसर। नगर निगम मानेसर में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। आरोप है कि इंजीनियरिंग शाखा के अधिकारियों ने मिलकर टेंडरों में भारी गड़बड़ी की। वर्ष 2021-22 के दौरान इलेक्ट्रिकल शाखा ने 29 बड़े टेंडर जारी किए, जिन्हें 10 से 20 प्रतिशत अधिक दरों पर ठेकेदारों को दिया गया।

इन टेंडरों का उद्देश्य निगम क्षेत्र में स्ट्रीट लाइटें लगाना और तीन वर्षों तक उनका रखरखाव करना था। हालांकि, हकीकत यह है कि लाइटें लगाने के बाद उनकी देखरेख नहीं की गई। परिणामस्वरूप, आज मानेसर के अधिकतर इलाकों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी हैं और अंधेरा पसरा रहता है।

गांव नाहरपुर कासन के निवासी रामअवतार यादव ने बताया कि लाइटें कुछ समय तक जलीं, उसके बाद बंद हो गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन एजेंसियों की जांच होनी चाहिए।

सोशल मीडिया पर भी लोगों की नाराजगी लगातार सामने आ रही है। करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद रखरखाव न होने से नगर निगम पर सवाल उठ रहे हैं। लोगों ने भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

जानकारी के अनुसार, 20 करोड़ रुपये की लागत से लगीं स्ट्रीट लाइटों के सात टेंडर एक ही एजेंसी को दिए गए। उस समय जिम्मेदारी एक्सईएन प्रवीण दलाल और एसडीओ अमन राठी पर थी।

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