शिमला। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस का नेतृत्व अब विनय कुमार के हाथ में होगा। पार्टी आलाकमान ने लंबी चर्चा के बाद अनुसूचित जाति से संबंधित विनय कुमार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला लिया। इसी क्रम में विनय कुमार ने शनिवार को विधानसभा उपाध्यक्ष का पद छोड़ दिया, जिसे स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने मंजूर कर लिया।
विनय कुमार शिमला संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली रेणुका सीट (सिरमौर जिले) से विधायक हैं।
कांग्रेस संगठन में लंबे समय से चल रहा था अस्थिर दौर
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन लगभग एक साल से भंग स्थिति में था। पूर्व अध्यक्ष प्रतिभा सिंह का तीन साल का कार्यकाल पिछले वर्ष नवंबर में पूरा हो चुका था। उसके बाद उन्हें कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था।
नियमित अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से मंथन चल रहा था। शिमला संसदीय क्षेत्र से जुड़े पाँच नेता अध्यक्ष पद के लिए दावेदार माने जा रहे थे:
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विनय कुमार
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शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर
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पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर
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कसौली विधायक विनोद सुल्तानपुरी
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अर्की विधायक संजय अवस्थी
आगामी दिनों में पंचायती राज संस्थाओं और शहरी निकायों के चुनाव होने वाले हैं, इसलिए यह निर्णय कांग्रेस हाईकमान के लिए अहम माना जा रहा है।
सियासी रणनीति और जातिगत समीकरण
कांग्रेस हाईकमान ने 2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति के वोट बैंक को साधने के लिए विनय कुमार को अध्यक्ष पद सौंपा है। राज्य में राजपूतों के बाद अनुसूचित जाति की जनसंख्या सबसे अधिक है।
विनय कुमार को कभी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माना जाता था। इसके अलावा, वे वर्तमान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री दोनों के साथ भी अच्छे संबंध रखते हैं। विशेष रूप से मुकेश अग्निहोत्री ने उन्हें अध्यक्ष बनाने में रुचि दिखाई।
विनय कुमार को राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के भी निकट माना जाता है और वे नई दिल्ली जाकर उनके साथ नियमित रूप से बैठक करते रहे हैं। उनके लिए किसी भी अन्य खेमे से विरोध नहीं सामने आया।