जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा का दूसरा दिन है। कठुआ जिले में यात्रा बारिश के बीच जारी है। लोग उत्साह से इसमें जुड़ रहे हैं। कड़ाके की ठंड के बीच राहुल गांधी ने काली रंग की जैकेट पहनी। यात्रा सुबह आठ बजे हटली मोड से शुरू हुई। इसे बाद कालीबड़ी, पल्ली मोड़ से होते हुए बरनोटी तक पहुंची। जगह-जगह लोग यात्रा और राहुल गांधी को देखने के लिए रुके हुए हैं।  

चाय नाश्ते के बाद बारिश थमते ही राहुल एक बार फिर टी शर्ट में नजर आए। इलाके का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के करीब है। परमवीर चक्र विजेता बाना सिंह भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे। उन्होंने राहुल गांधी के साथ पैदल चलकर लंबी वार्ता की। बरनोटी से पहले पूर्व एमएलसी ठाकुर बलबीर सिंह को भी राहुल से मुलाकात के लिए सुरक्षा घेरे के भीतर बुलाया गया है।

भारत जोड़ो यात्रा कठुआ

इससे पहले जगह जगह कुछ लोगों से उन्होंने मुलाकात की है। सुबह के समय शिव सेना नेता और सांसद संजय राउत भी पैदल यात्रा में शामिल हुए। इससे पहले वीरवार को 15 किलोमीटर की दूरी में राहुल की ड्रेस तो नहीं बदली, लेकिन पठानकोट से जम्मू-कश्मीर पहुंचते राहुल गांधी की भाषा बदल गई। पठानकोट में उन्होंने आप व केजरीवाल को निशाने पर रखा तो जम्मू-कश्मीर की सीमा पर भाजपा व आरएसएस को।

कठुआ में भारत जोड़ाे यात्रा

अमूमन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमलावर रहने वाले राहुल ने प्रधानमंत्री का नाम तक नहीं लिया। भाजपा व आरएसएस तक ही सिमटे रहे। इतना ही नहीं उन्होंने न तो अपने पुराने साथी गुलाम नबी आजाद और न ही उनकी पार्टी का नाम लिया।

भारत जोड़ो यात्रा कठुआ

राहुल गर्मजोशी से हुए स्वागत से गदगद नजर आए

उन्होंने प्रदेश के लोगों को अपने साथ जोड़ने के लिए पूर्वजों के जम्मू-कश्मीर का ही होने का कार्ड चलते हुए यह बताने की कोशिश की कि उनकी आज घर वापसी हो रही है। उन्हें यहां के लोगों के दुख दर्द का पता है। उन्होंने अपने भाषण में बेरोजगारी, महंगाई का मुद्दा उठाकर आम लोगों को साथ लाने की कोशिश की।

कठुआ में बारिश के दौरान राहुल गांधी जैकेट पहने हुए

किसान, मजदूरों व छोटे व्यापारियों का दूसरा हिंदुस्तान बनाने की बात कहकर इन वर्गों से भी सहानुभूति बटोरने व उनका साथ पाने का प्रयास किया। राहुल ने युवाओं को अपने साथ जोड़ने की भरपूर कोशिश की। उन्होंने बेरोजगारी का मुद्दा जोर शोर से उठाकर यह बताने का प्रयास किया कि अब नौकरियों पर सामान्य लोगों का नहीं बल्कि कुछ चुनिंदा का हक है।

Rahul Gandhi in Jammu Kashmir

आम परिवारों के बच्चों के लिए मजदूरी ही एकमात्र रास्ता बच गया है। राहुल का पूरा प्रयास रहा कि समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर अपने मकसद को कामयाब बनाया जाए। खासकर जम्मू-कश्मीर में नफरत व हिंसा के माहौल का जिक्र कर उन्होंने यह बताने की कोशिश की कि हिंदू-मुस्लिम सब एक हैं। उन्हें धर्मनिरपेक्षता की भावना के साथ आगे बढ़ना चाहिए और विभाजन की बात करने वालों से दूरी बनाए रखने की कोशिश करनी चाहिए।

Bharat Jodo Yatra in Jammu Kashmir

कई दलों का साथ मिलने का सपना बिखरा

राहुल के जम्मू-कश्मीर में प्रवेश पर कई दलों का साथ मिलने का सपना भी बिखर गया। न तो पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पहुंचीं और न ही शिवसेना नेता संजय राउत। जबकि राउत वीरवार को जम्मू में ही थे। डोगरा स्वाभिमान पार्टी के चौधरी लाल सिंह को भी विरोध देखते हुए न्योता नहीं दिया गया। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि समान विचारधारा वाले दलों को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।