नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष एवं सांसद फारूक अब्दुल्ला ने गुरुवार को कहा कि केंद्र को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर जोर नहीं देना चाहिए और इसे लागू करने के परिणामों पर पुनर्विचार करना चाहिए। फारूक अब्दुल्ला ने हजरतबल में ईद-उल-अजहा की नमाज अदा करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत के दौरान ये कहा।
उन्होंने कहा, "उन्हें (केंद्र सरकार) इस बारे में दोबारा सोचना चाहिए। यह एक विविधतापूर्ण देश है, यहां विभिन्न नस्लों और धर्मों के लोग रहते हैं और मुसलमानों का अपना शरिया कानून है।"
श्रीनगर से लोकसभा सदस्य ने कहा कि सरकार को यूसीसी लागू करने के परिणामों के बारे में सोचना और पुनर्विचार करना चाहिए। उन्हें इस सब पर विचार करना चाहिए और इसे आगे बढ़ाने के बजाय इसके परिणामों के बारे में सोचना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि तूफान आ जाए। उनकी टिप्पणी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यूसीसी के लिए कड़ी वकालत करने के दो दिन बाद आई है।
फारूक अब्दुल्ला ने वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू-कश्मीर आने वाले तीर्थयात्रियों का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा, "मैं यात्रा का स्वागत करता हूं। मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूं कि यह सफल हो और यात्री आशीर्वाद लेकर लौटें।"