श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी के संस्थापक और वरिष्ठ नेता प्रोफेसर भीम सिंह का मंगलवार सुबह 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने जम्मू के बख्शी नगर अस्पताल में अंतिम सांस ली. भीम सिंह कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. भीम सिंह का जन्म 17 अगस्त 1941 को जम्मू-कश्मीर रियासत के भुगटेरियन, रामनगर में हुआ था. भीम सिंह के पिता ठाकुर (राजकुमार) बीरबल सिंह थे, जिन्होंने एक सैनिक के रूप में द्वितीय विश्व युद्ध में हिस्सा लिया था. स्वतंत्रता के बाद वह भारतीय सेना के साथ जुड़े.
नेशनल पैंथर्स पार्टी जम्मू-कश्मीर का एक राजनीतिक दल है, जिसकी स्थापना 23 मार्च 1982 को प्रोफेसर भीम सिंह और उस समय की कुछ प्रमुख युवा राजनीतिक हस्तियों ने की थी. वह 30 साल तक JKNPP के अध्यक्ष रहे. साल 2012 में उन्होंने अपने भतीजे हर्ष देव सिंह को पार्टी की कमान सौंप दी. भीम सिंह ने पिछले साल एक बार फिर से सक्रिय राजनीति में वापसी की थी, जब उन्हें नेशनल पैंथर्स पार्टी का दोबारा अध्यक्ष चुना गया था. जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला के खिलाफ बोलने के लिए उन्हें 1978 में श्रीनगर सेंट्रल जेल में बंद रहना पड़ा, जहां उन्हें जान से मारने के लिए कथित तौर पर जहर दे दिया गया था.
जीवनपर्यंत रहे आर्टिकल 370 और 35A के मुखर विरोधी
भीम सिंह राजनीतिज्ञ होने के अलावा एक्टिविस्ट, वकील और लेखक भी थे. भीम सिंह 1977-87 तक चेनानी-घोर्डी (उधमपुर) सीट से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य चुने गए. उन्हें 1991-2016 तक लगातार भारत के प्रधानमंत्रियों द्वारा राष्ट्रीय एकता परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया गया. वर्ष 2002 में हुए जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में, उनके नेतृत्व में पैंथर्स पार्टी ने उधमपुर जिले की सभी सीटों पर जीत हासिल की थी और गठबंधन सरकार का हिस्सा बनी. एक एक्टिविस्ट और कैम्पेनर के रूप में भीम सिंह 4 दशक से अधिक समय तक आर्टिकल-370 और 35A को समाप्त करने की मांग उठाते रहे. आखिरकार 5 अगस्त, 2019 को भारतीय संसद में मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लाकर आर्टिकल-370, 35A को हमेशा के लिए समाप्त कर दिया.
भीम सिंह ने अपने जीवनकाल में की 150 देशों की यात्रा
भीम सिंह की पुस्तक ‘अनबिलिवेबल- डेल्ही टू इस्लामाबाद’ का साल 2015 में तत्कालीन भारतीय उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने विमोचन किया था. इस किताब में उन्होंने एक वकील के रूप में भारतीय और पाकिस्तानी जेलों से 700 से अधिक कैदियों की रिहाई के लिए अपने प्रयासों का जिक्र किया था. ये सभी लोग निराधार आरोपों में जेलों में बंद थे. माना जाता है कि भीम सिंह 150 देशों की यात्रा करने वाले भारत के पहले व्यक्ति थे और इन यात्राओं का दस्तावेजीकरण करने वाली उनकी पुस्तक का दूसरा खंड, ‘पीस मिशन: अराउंड द वर्ल्ड ऑन मोटरसाइकिल’ का विमोचन डॉ. करण सिंह ने किया था.