पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बीच भारत-चीन ने की कूटनीतिक वार्ता

भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर लंबे समय से जारी सीमा गतिरोध को हल करने के लिए बुधवार को कूटनीतिक वार्ता की। वार्ता भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (डब्ल्यूएमसीसी) के तहत दिल्ली में हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान निकालने के उद्देश्य से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की।

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि शांति और स्थिरता की बहाली तथा एलएसी के प्रति सम्मान द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति की बहाली के लिए आवश्यक आधार हैं। दोनों पक्षों ने सरकारों के बीच प्रासंगिक द्विपक्षीय समझौतों, प्रोटोकॉल और सहमति के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर शांति और स्थिरता को संयुक्त रूप से बनाए रखने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की। मंत्रालय ने कहा कि बैठक में चर्चा गहन, रचनात्मक और दूरदर्शी रही। दोनों पक्षों ने स्थापित राजनयिक और सैन्य चैनल के माध्यम से संवाद बनाए रखने पर सहमति व्यक्त की।

चीनी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चीनी विदेश मंत्रालय के सीमा और महासागरीय विभाग के महानिदेशक हांग लियांग ने किया। विदेश मंत्रालय के अनुसार, लियांग ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री से भी मुलाकात की। डब्ल्यूएमसीसी की पिछली वार्ता मार्च में बीजिंग में हुई थी।

मंत्रालय ने कहा कि अस्ताना और वियनतियाने में हाल में हुई बैठकों में दोनों विदेश मंत्रियों के बीच हुई चर्चा के बाद दोनों पक्षों ने लंबित मुद्दों का शीघ्र समाधान निकालने के उद्देश्य से एलएसी पर वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) गौरांगलाल दास ने डब्ल्यूएमसीसी की 30वीं बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।

विदेश मंत्री जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने 25 जुलाई को आसियान से संबंधित बैठकों के दौरान वियनतियाने में वार्ता की थी। वार्ता में दोनों मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध वाले शेष वाले स्थानों से यथाशीघ्र सैनिकों की पूर्ण वापसी के लिए उद्देश्यपूर्ण और तत्परता से काम करने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की।

जयशंकर और वांग यी ने चार जुलाई को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान अस्ताना में भी द्विपक्षीय बैठक की थी। भारत और चीन की सेनाओं के बीच मई 2020 से गतिरोध जारी है तथा सीमा विवाद का पूर्ण समाधान अभी तक नहीं हो पाया है। हालांकि दोनों पक्ष टकराव वाले कई स्थानों से पीछे हट गए हैं।

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