केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को जम्मू-कश्मीर के भाजपा नेताओं के कोर ग्रुप की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में अमित शाह के आवास पर दोपहर तीन बजे के आसपास होने की संभावना है। इसमें नगर निगम चुनावों सहित चुनावी तैयारियों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
भाजपा नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने बताया कि वे रविवार को बैठक की जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि यह कोर ग्रुप की नियमित बैठक है जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाती है। इस बार मुख्य चर्चा चुनावों पर रहने की संभावना है।
एक अन्य भाजपा नेता ने कहा कि बैठक में आगामी नगर निगम और पंचायत चुनावों के लिए भाजपा की तैयारियों के साथ-साथ वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर भी चर्चा होगी। संगठनात्मक कार्य और अन्य संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के भी शामिल होने की उम्मीद है।
बैठक में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में जम्मू-कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और भाजपा नेता अशोक कौल, निर्मल सिंह, देवेंद्र मनियाल, जुगल किशोर शर्मा, सुनील शर्मा, सत पॉल शर्मा और शक्ति परिहार शामिल हैं।
विपक्षी दल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की मांग कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में किसी भी समय चुनाव के लिए तैयार है और निर्णय भारत के चुनाव आयोग और राज्य चुनाव आयोग पर निर्भर करता है।
केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ को बताया कि जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची को अद्यतन करने की प्रक्रिया चल रही है। सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि राज्य चुनाव आयोग और भारतीय चुनाव आयोग मिलकर चुनाव के समय पर फैसला लेंगे।
उन्होंने बताया कि त्रिस्तरीय चुनाव होना है। सॉलिसिटर जनरल ने पीठ को बताया कि पहली बार त्रिस्तरीय पंचायत राज प्रणाली शुरू की गई है। सबसे पहले चुनाव पंचायतों के होंगे। सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव पंचायत चुनाव और नगर निगम चुनाव के बाद होने की संभावना है। केंद्र ने यह भी कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए कोई विशिष्ट समयसीमा बताने में असमर्थ है, लेकिन स्पष्ट किया कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।