जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद आतंकियों और उनके मददगारों के खिलाफ सुरक्षा बलों का सख्त अभियान जारी है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई कार्रवाई से भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करते हुए घाटी में कड़ी निगरानी की जा रही है।

https://twitter.com/Cyberpolicekmr/status/1921860928099721684

साइबर सुरक्षा पर अलर्ट

सोमवार (12 मई) को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने साइबर सुरक्षा अलर्ट जारी किया। इसमें नागरिकों, पत्रकारों और सार्वजनिक हस्तियों को नकली व्हाट्सएप नंबरों और संदिग्ध कॉलों से सावधान रहने की सलाह दी गई है। पुलिस के मुताबिक, दुश्मन के खुफिया एजेंट फर्जी व्हाट्सएप नंबरों और कॉलों के जरिए अधिकारियों का रूप धरकर संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों को आगाह किया कि अज्ञात और संदिग्ध नंबरों से आने वाली कॉल का जवाब न दें और न ही कोई जानकारी साझा करें। यदि कोई संवेदनशील जानकारी लीक करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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स्लीपर सेल मॉड्यूल का भंडाफोड़

राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने हाल ही में दक्षिण कश्मीर में 20 जगहों पर छापेमारी कर स्लीपर सेल मॉड्यूल का पर्दाफाश किया। छापेमारी के दौरान संदिग्ध वस्तुएं बरामद हुईं और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया। तकनीकी खुफिया जानकारी से पता चला है कि ये स्लीपर सेल पाकिस्तान में बैठे आकाओं से जुड़े हुए थे और व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल जैसी ऐप्स के जरिए संवेदनशील सूचनाएं भेज रहे थे।

पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल को तुरंत दें। घाटी में सुरक्षा को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।