पूर्व आईजीपी ट्रैफिक बसंत रथ ने एक बार फिर अपने फैसले से सब को चौंका दिया है। बसंत रथ ने भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता को इस्तीफा पत्र भेजा है। अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। इसमें उन्होंने बताया कि वह जल्द चुनावी राजनीति में शामिल हो सकते हैं।
ट्विटर पर इसकी प्रति साझा करते हुए बसत रथ ने लिखा, 'मैं चुनावी राजनीति में हिस्सा लेने के लिए भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा देना चाहता हूं। इस पत्र को इस्तीफे/स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए मेरे अनुरोध को स्वीकार करें और तदनुसार प्रक्रिया बढ़ाएं।'

क्या कश्मीर से लड़ेंगे चुनाव?
इस त्याग पत्र के ट्वीट से करीब सात घंटे पहले उन्होंने एक और ट्वीट किया है, जिस पर सोशल मीडिया यूजर्स की काफी प्रतिक्रिया मिल रही है। इस ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'अगर मैं कभी किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल होता हूं, तो वह भाजपा होगी। अगर मैं कभी चुनाव लड़ूंगा, तो वह क्षेत्र कश्मीर होगा। अगर मैं कभी राजनीति में शामिल होता हूं, तो ऐसा 6 मार्च, 2024 से पहले होगा।'
पूर्व IGP ट्रैफिक बसंत रथ के इस ट्वीट पर लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रही है। इस पर एक यूजर्स ने लिखा, 'जून में अप्रैल फूल!' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'सर, आप भाजपा की टिकट पर कश्मीर से नहीं जीत सकते।' वहीं, एक अन्य यूजर ने बसंत रथ को उनकी मशहूर पंक्ति याद कराते हुए लिखा, ' बाबा, मम्मी मना किया है!! याद है न!'

जुलाई 2020 में हुए थे निलंबित, विवादों से रहा है पुराना नाता
जुलाई 2020 में बसंत रथ को केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था। तब गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश में कहा गया था, 'बसंत रथ के खिलाफ घोर कदाचार और दुर्व्यवहार के आरोप सरकार के संज्ञान में आए हैं और इस संबंध में अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया गया है। निलंबन की अवधि के दौरान रथ का मुख्यालय जम्मू होगा और वह जम्मू-कश्मीर पुलिस के महानिदेशक की अनुमति के बिना इसे नहीं छोड़ेंगे।'
इस कार्रवाई से कुछ दिन पहले बसंत रथ ने अपनी जान और स्वतंत्रता को खतरा होने की आशंका जताते हुए जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उस दौरान जम्मू-कश्मीर में आईपीएस अफसर बसंत रथ का डीजीपी दिलबाग सिंह के खिलाफ लिखा गया पत्र चर्चा का विषय बन गया था। उन्होंने ट्विटर कांगड़ी करियर पर दिलबाग सिंह नाम के व्यक्ति के लिए ढेर सारे पोस्ट किए थे। हालांकि, इसमें इस व्यक्ति के पद का उल्लेख नहीं था। इसमें जमीन से लेकर शराब की पार्टी का भी जिक्र किया गया था।
बसंत रथ ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उन्हें डीजीपी दिलबाग सिंह की कुछ गतिविधियों से जान का खतरा है। उन्होंने कहा है कि वह मुकदमा नहीं कराना चाहते हैं। वह इस संबंध में केवल जानकारी दे रहे हैं। आज से यदि कोई अप्रिय घटना उनके साथ होती है तो उन्हें यह पता होना चाहिए कि कौन सा नंबर डायल करना है।

ट्रैफिक कार्यकाल के दौरान हुई थी खूब चर्चा
2018 में आईजीपी के रूप में पदोन्नत हुए रथ अपने प्रभावी यातायात नियमन के लिए लोगों के बीच मशहूर हुए थे। हालांकि आईजीपी-ट्रैफिक के रूप में उनका कार्यकाल अल्पकालिक था, क्योंकि कई लोगों ने उनकी कार्यशैली पर सवाल उठाए थे।
जम्मू में बतौर एसएसपी ट्रैफिक रहते हुए बसंत रथ ने खूब सुर्खियां बटोरी थी। इस कार्यकाल के दौरान कुछ ही दिनों में उन्होंने बिगड़ी ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर ला दिया था। हालांकि इस दौरान कई बार उन्हें ट्रैफिक नियमों की अवहेलना करने वालों को सरेआम सजा देने के फोटो और भी इंटरनेट पर खूब वायरल हुए थे। कमर्शियल वाहन चालकों और दोपहिया वाहन चालकों में उनका विशेष खौफ था।

2000 कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं बसंत रथ, जेएनयू से की है पढ़ाई
बसंत रथ 2000 कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी हैं। वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्र हैं। जम्मू-कश्मीर पुलिस में वह पुलिस महानिरीक्षक के पद तैनात रहे। साल 2002 में बसंत रथ पहली बार जिला पुंछ के मंडी में तैनात हुए थे। उनका जन्म ओडिशा के पुरी जिले के पिपली के उत्तरकाशी गांव में हुआ है। उनके पिता हर्षिकेश गांव के पुजारी और किसान थे।बसंत रथ को 'बुक बाबा' के नाम से भी जाना जाता है। वह अब तक कई जरूरतमंद विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए किताबें भी उपलब्ध करवा चुके हैं।