केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को आवाम की आवाज कार्यक्रम को संबोधित किया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह रेडियो कार्यक्रम जनभागीदारी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने और जवाबदेह, पारदर्शी और समावेशी शासन स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

कार्यक्रम के दौरान उपराज्यपाल ने कहा कि इसके माध्यम से जल संरक्षण, शिक्षा, ग्रामीण-शहरी विकास, संस्कृति में सुधार के लिए कई सुझाव मिले हैं। इन सुझावों को लागू करने के लिए सरकार व्यापक कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक जल निकायों को पुनर्जीवित करने की खोज में जिला डोडा, सांबा, बांदीपोरा, बडगाम, कठुआ और रामबन की पंचायतों ने एक मजबूत संकल्प दिखाया है। पारंपरिक तालाब और जल स्रोत जीवन को बनाए रखते हैं। सभ्यताएं और अर्थव्यवस्थाएं जल स्रोतों के आसपास समृद्ध हुई हैं।

उपराज्यपाल ने कहा कि पिछले कुछ सालों से पूरे विश्व में वातावरण के बदलाव का असर दिख रहा है। जम्मू कश्मीर में भी मार्च और अप्रैल के महीने में इसका असर दिखा है। यूएन की रिपोर्ट के अनुसार तक 2030 तक सूखे की संभावना में तीस प्रतिशत बढ़ोतरी का अनुमान है। ऐसे में तालाब एवं अन्य पारंपरिक जल निकायों को बचाने के लिए मिलकर प्रयास किए जाने की जरूरत है।

जल निकायों के लिए बनाई जाए कमेटी

उन्होंने बताया कि अनंतनाग से मुश्ताक अहमद शाह ने उन्हें पत्र लिखा है। इसमें मुश्ताक लिखते हैं कि आवासीय क्षेत्रों में मौजूद जल निकायों के पुनरुद्धार और संरक्षण के लिए स्थानीय आबादी का सहयोग जरूरी है। जल निकायों पर अतिक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसके लिए सभी जिलों में उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाना चाहिए और हर सप्ताह बैठक कर जल निकायों के स्टेटस पर रिपोर्ट बनाई जानी चाहिए।

जल शक्ति विभाग करे ऑनलाइन पंजीकरण, फोन पर मिले अपडेट

एलजी मनोज सिन्हा ने कहा कि कठुआ के आशीष कुमार और जम्मू के रोहित सांगरा ने उन्हें पत्र लिखा है कि कई जगह सप्लाई का पानी बर्बाद किया जाता है और कई बार टाइम टेबल बदलने पर समय पर सूचना नहीं मिल पाती है। इसके लिए दोनों ने जल शक्ति विभाग को सभी उपभोक्ताओं का अनिवार्य ऑनलाइन पंजीकरण करने का सुझाव दिया है। यह उपभोक्ताओं का एक डेटाबेस तैयार करने और नागरिक-उन्मुख सेवाओं के डिजिटलीकरण से जुड़ी प्रक्रियाओं को कारगर बनाने में मदद करेगा। साथ ही उपभोक्ताओं को सीधा फोन पर ही जानकारी दी जानी चाहिए।

बिजली बचत करने वाले घरों को मिले छूट

जम्मू के रहने वाले सुनील कुमार ने उपराज्यपाल को बिजली की बचत को लेकर अपने सुझाव भेजे। सुनील लिखते हैं कि ऐसे घर जो बिजली की बचत के लिए जागरूक हैं, उन्हें प्रेरित करने के लिए बिल में कुछ छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने बिजली के सतत उपयोग के लिए प्रेरित करने के लिए एक 'प्रोत्साहन आधारित पद्धति' का प्रस्ताव दिया है। साथ ही बिजली चोरी के खिलाफ मुहिम चला कर कड़ी कार्रवाई करने का सुझाव दिया है।

स्कूली किताबों में पढ़ाया जाए जम्मू कश्मीर की इतिहास और करेंट अफेयर्स

राजौरी के इयात शाम-उल-हक ने कुछ दिलचस्प सुझाव साझा दिए हैं। उन्होंने लिखा है प्रदेश की स्कूली किताबों में जम्मू-कश्मीर के समृद्ध इतिहास व संस्कृति के बारे में अधिक जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही प्रदेश के करेंट अफेयर्स के बारे में भी पढ़ाया जाना चाहिए, ताकि बच्चे अपने प्रदेश के बारे में और अधिक जान सकें। इस पर मनोज सिन्हा ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत इस दिशा में काम किया जा रहा है।

स्कूलों में नियमित फील्ड ट्रिप का हो आयोजन

जम्मू की पूजा शर्मा रैना ने स्कूल के पाठ्यक्रम में नियमित फील्ड ट्रिप को शामिल करने की आवश्यकता पर राज्यपाल को लिखा। पूजा कहती हैं कि उद्देश्य अपने अनुभव और बातचीत से सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा देना है। कोरोना महामारी के चलते बच्चों का एक-दूसरे से बातचीत बहुत कम हो पाई है, ऐसे में फील्ड ट्रिप आयोजित होने पर उन्हें एक-दूसरे से सीखने का मौका मिलेगा।

स्टार्टअप के लिए ब्लॉक स्तर पर आयोजित हों कार्यक्रम

पुलवामा से नवीद हामिद ने जम्मू-कश्मीर में स्टार्टअप इकोसिस्टम को विकसित करने का सुझाव दिया है। सभी जिलों में ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक अधिकारी युवाओं के साथ मिल कर स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए, जिसमें नए इनोवेटर अपने विचारों के बारे में जानकारी दे सकते हैं। हामिद ने स्टार्टअप जम्मू कश्मीर नाम से यूट्यूब चैनल शुरू करने का भी सुझाव दिया है। इसके जरिए इन्वेस्टर्स और इनोवेटर्स एक-दूसरे से रूबरू हो सकेंगे।

कपड़ो के बैग के प्रति जन जागरूकता के लिए चलाया जाए अभियान

बारामूला के शब्बीर मलिक ने प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए कुछ दिलचस्प विचार साझा किए हैं। उन्होंने लिखा है कि प्लास्टिक बैग के बजाय कपड़ों के बैग के प्रति जन जागरूकता के लिए अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांव और छोटे शहरों में भी लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। सुपर मार्केट से भी इस बारे बातचीत कर उन्हें कपड़ों के बैग का प्रयोग करने के लिए कहा जाना चाहिए।

ओवर द काउंटर दवाओं की बिक्री के लिए बने नीति

अनंतनाग के सुहैब अफजल ने ओवर द काउंटर दवाओं की बिक्री को विनियमित करने की आवश्यकता पर एक सुझाव भेजा है। उन्होंने लिखा पॉलिसी के अभाव में प्रदेश के कई शहरों और गांवों में इसका दुरुपयोग बढ़ा है। इसकी रोकथाम के लिए नीति बनाई जानी चाहिए। इस पर मनोज सिन्हा ने बताया कि केंद्र सरकार इस विषय पर जल्द ही नीति बनाने जा रही है, जिसे आगामी समय में प्रदेश में भी लागू किया जाएगा।