कश्मीर: सरपंच की हत्या के बाद गांव गोषबुग के लोगों में भय और गुस्सा

उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले के गोषबुग पट्टन इलाके में शुक्रवार को आतंकियों ने निर्दलीय सरपंच की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 13 दिनों में लक्षित हत्याओं के क्रम में यह तीसरी हत्या है। वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे से एक सप्ताह पहले। वह जम्मू के सांबा जिले में सरपंचों, पंचों और अन्य प्रतिनिधियों को संबोधित करने वाले हैं।

सेब के बगीचों से घिरे छोटे से गांव गोषबुग के लोगों में अब भय और गुस्सा है। गांव के सरपंच मंजूर अहमद बांगरू को आतंकियों ने शुक्रवार की शाम घर के पास सेब के बाग में गोली मार दी थी, जिसकी देखभाल वह 12 साल से करते आ रहे थे। घर के लोग बताते हैं कि यह बाग वास्तव में एक कश्मीरी पंडित आशु का है, जो प्रवास के समय गांव छोड़कर बारामुला के उड़ी इलाके में बस गए थे। मंज़ूर 12 साल से बाग की देखभाल कर रहे थे। गांव के सरपंच भी थे।

परिवार और आसपास के लोग कहते हैं कि वह गांव को विकसित बनाने का सपना देख रहे थे। मंजूर अपने पीछे दो बेटे, तीन बेटियां छोड़ गए। उनके बड़े बेटे मसरत इकबाल ने कहा कि हमें नहीं पता कि यह कैसे हुआ। हम यह जानते हैं कि वह घास लाने के लिए गए थे। वह घर नहीं लौटे, तो मैं गया। बगीचे में शाम करीब 6 बजे उनका पीले रंग का स्वेटर देखा। जब करीब पहुंचा तो उन्हें मृत पाया। उन्होंने एलजी प्रशासन से परिवार की मदद करने और न्याय दिलाने का अनुरोध किया। कहा कि इस्लाम इस तरह की हत्याओं की इजाजत नहीं देता।

रमजान के महीने में यह सब होना अच्छा नहीं
लोग रमजान के इस पाक महीने में की गई हत्या की निंदा कर रहे हैं। स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ  ने कहा कि मंज़ूर अच्छे इंसान थे। गांव में बहुत काम किया। अशरफ  ने कहा कि रमजान के महीने में यह सब होना अच्छा नहीं है। एक अन्य निवासी अब्दुल नजार ने कहा कि इससे बुरा क्या हो सकता है। नजार ने कहा कि हम 30-35 साल से लगातार यह सब देख रहे हैं। यह सब इस्लाम के खिलाफ  है। मामले में पुलिस ने कहा कि मंजूर अहमद बांगरू का गोली लगा शव सेब के बाग में था। सरपंच के घर से करीब आधा किलोमीटर दूर सेब का बाग है। 

दोषियों को दंडित किया जाएगा : उपराज्यपाल
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने ट्वीट में लिखा, मैं सरपंच मंजूर अहमद बांगरू पर हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। इस घृणित कार्य के दोषियों को दंडित किया जाएगा। शोक संतप्त परिवार के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। 

सरकार सुरक्षा प्रदान करने में रही विफल 
ऑल जम्मू-कश्मीर पंचायत कांफ्रेंस के अध्यक्ष शफीक मीर ने कहा कि हमारा एक और सरपंच चला गया। इस तरह की हत्याओं से कुछ हासिल नहीं होगा। सरकार हमें सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है। मैं सदस्यों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि संगठन उनके साथ खड़ा है और हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। राज्य और केंद्र सरकार विशेष रूप से प्रधानमंत्री से सुरक्षा प्रदान करने के लिए अनुरोध करता हूं।

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