मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की महबूबा ने की निंदा

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर से अजान के विरोध में हनुमान चालीसा का पाठ करने का मुद्दा देश भर में बहस तलब है. महाराष्ट्र के बाद उत्तर प्रदेश में मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने और मानक के अनुरूप आवाज करने का अभियान चल रहा है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद करने के सवाल पर कहा कि, “हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष नींव पर आधारित है. धर्मनिरपेक्षता हमारे डीएनए में है. बीजेपी धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन डीएनए तो टूटने वाला नहीं है. जहां तक ​​मस्जिदों में लाउडस्पीकर बंद करने का सवाल है, यह उनके एजेंडे का हिस्सा है.”

धर्म की राजनीति और राजनीतिक दलों द्वारा धर्म के दुरुपयोग पर उन्होंने कहा कि, “उस समय धर्म का दुरूपयोग करके हमारा पड़ोसी देश तबाह हो गया. आज तक, वे इसका खामियाजा भुगत रहे हैं. उन्होंने धर्म के नाम पर लोगों को बंदूकें दीं. हमारे देश में भी यही हो रहा है. धर्म के नाम पर लोगों को बुलडोजर और तलवारें दी जा रही हैं.” 

महबूबा मुफ्ती ने कहा, वे न तो रोजगार दे सकते हैं और न ही महंगाई के बारे में कुछ कर सकते हैं. बिजली-पानी का संकट है. इसलिए सबसे आसान काम है हिंदू-मुसलमानों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करना, लाउडस्पीकर, हिजाब और हलाल की बात करना. अगर ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में हमारे हालात खराब होंगे.

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