पीओके में प्रदर्शनकारी गेहूं के आटे की ऊंची कीमतों और बिजली के बढ़े हुए दामों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन भारत के ही नेता पीओके को भारत के कश्मीर से बेहतर बता रहे हैं। महबूबा मुफ्ती जम्मू कश्मीर के चुनाव प्रचार में बीजेपी पर तीखे हमले करना नहीं भूल रही है। वहीं उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने सीधी धमकी दी खासकर पहाड़ियों को कि अगर आप हमारे कहने पर हमारे प्रॉक्सी कैंडिडेट को वोट नहीं डालेंगे तो हम 1947 जैसे हालात यहां कर देंगे। हम भी सड़कों पर आना चाहते हैं और प्रदर्शन करना चाहते हैं। लेकिन हमें प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है। जो प्रदर्शन करता है उसे जेल में डाल दिया जाता है। \

2019 के बाद जो दिल्ली में हुआ और लगातार जैसे ऑर्डर आ रहे हैं, लोग निराश हैं। कोई बात करता है तो उसे जेल में डालते हैं। कोई अखबार वाला कोई बात करता है तो उस पर यूएपीए लगा देते हैं। कश्मीर के लोग वोट के जरिए एक मैसेज देना चाहते हैं कि 2019 में जो आपने किया वो हमें कबूल नहीं है।

इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 के बाद से सैकड़ों की तादाद में सरकारी विभागों से लोगों को नौकरियों से निकाला गया। कहा गया कि आपका किसी आतंकी के साथ कनेक्शन रहा है। भले ही वो आतंकी मारा गया हो। कोई सबूत नहीं, कोई अदालत नहीं सीधा आदेश दिया जाता है। लोग इस डर से अदालत नहीं जाते हैं कि एक तो उनकी नौकरी गई अब जेल में भी डाला जा सकता है। लोगों के अंदर घुटन है। 

चुनाव की तारीख में बदलाव को लेकर भी महबूबा मुफ्ती ने निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के लोग धमका रहे हैं। स्टेट के एडमिनिस्ट्रेशन के हेड हैं उन्होंने एक कम्युनिटी के लोगों को बुलाया कि आपकी ड्यूटी है कि वोट हमारी प्रॉक्सी पार्टी को जाना चाहिए। पीर पंजाल में बीजेपी और आरएसएस के लोग धमका रहे हैं।

पैसे लेकर आ रहे हैं। महबूबा मुफ्ती को बाहर रखने के लिए पूरी कोशिश में लगे हैं। पीओके में चल रहे प्रदर्शन को लेकर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वहां उनके अपने प्रॉब्लम है। हमारी अपनी है। हम भी प्रदर्शन करना चाहते हैं। लेकिन ये जेल में डाल देते हैं। हमारे लड़कों को थाने ले जाकर उनके लिखवाया। दूसरे कश्मीर में प्रदर्शन हो रहा है तो उन्हें आजादी है प्रदर्शन करने की यहां तो ये भी नहीं है।