जम्मू-कश्मीर के पर्वतीय इलाकों में बारिश और भूस्खलन आफत बन गए। उधमपुर जिले में टिकरी ब्लॉक के समोल गांव में शुक्रवार देर रात पहाड़ का मलबा एक मकान पर आ गिरा। मलबे में दबने से तीन साल के आरिफ और दो माह के गनी की मौत हो गई। एक बच्चे को बचा लिया गया। सात में से तीन मकान मलबे में दब गए।

भूस्खलन से उधमपुर-पंचैरी और मोंगरी मार्ग भी बंद हो गया है। उधर, बिरमा नाले का जलस्तर पुल तक पहुंचने से स्थानीय लोगों के कुछ जानवर बह गए। रियासी में शनिवार को फिर भूस्खलन होने से और पांच आवास मलबे से क्षतिग्रस्त हो गए। माता वैष्णो देवी धाम में खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर सेवा प्रभावित रही।

तेज बारिश ने भवन से भैरव घाटी तक चलने वाली रोपवे सेवा को भी प्रभावित किया। हिमकोटि मार्ग शनिवार को भी यात्रियों की आवाजाही के लिए बंद रखा गया। इस दौरान बैटरी कार सेवा भी बंद रही। यात्री फिलहाल पुराने मार्ग से आवाजाही कर रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार रातभर यात्रा बंद रही। पुंछ में बेतार नदी की बाढ़ में एक ट्रैक्टर बह गया।

तीन लोगाें ने ऐन मौके पर भागकर जान बचाई। पुंछ कस्बे में भी कई घरों में पानी घुस गया। राजोरी जिले में भी नदी-नाले उफान पर रहे। कठुआ में बिलावर के बदनोता में पहाड़ी का एक हिस्सा दरक जाने से एक मकान और एक मंदिर जमींदोज हो गए। लोगों ने भूस्खलन से पहले ही घर खाली कर दिए थे।

जिससे जानी नुकसान टल गया। यहां 15 मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। प्रभावित परिवारों के करीब 100 लोगों को सरकारी इमारतों में शिफ्ट किया गया है। वहीं रामकोट के छलां से सटे निजी स्कूल में बाढ़ का पानी भर गया। तीन से चार फुट तक भरे पानी में फंसे बच्चों को आनन फानन रेस्क्यू कर निकाला गया।