मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा ओंकारेश्वर में एकात्म धाम के अंतर्गत बनने वाले भव्य अद्वैत लोक कला संग्रहालय के लिए 2195 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत किए जाने पर कर्नाटक स्थित श्रृंगेरी शारदा मठ प्रशासन ने आभार व्यक्त किया है।
श्रृंगेरी पीठ के प्रशासक पी.ए. मुरली ने इस निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व में कैबिनेट द्वारा संग्रहालय को ‘ए ग्लोबल सेंटर ऑफ वननेस’ यानी वैश्विक एकात्मता केंद्र के रूप में विकसित करने का निर्णय अद्वैत वेदांत की भावना को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल जगद्गुरु आदि शंकराचार्य के कालजयी विचारों को समर्पित एक भव्य स्मृति स्थल के रूप में उभरेगी, बल्कि विश्व स्तर पर अद्वैत वेदांत का प्रतिनिधित्व करने वाले एक प्रकाश स्तंभ की तरह कार्य करेगी।
श्रृंगेरी मठ के वेदज्ञों और आचार्यों के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है कि एकात्म धाम के प्रथम चरण में 108 फीट ऊँची ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ – आदि शंकराचार्य की प्रतिमा – का लोकार्पण किया गया है। उन्होंने इस योगदान के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को श्रृंगेरी मठ में आने का निमंत्रण भी दिया।
गौरतलब है कि आज से लगभग 1200 वर्ष पूर्व जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने कर्नाटक की पावन तुंगा नदी के किनारे श्रृंगेरी मठ की स्थापना की थी। यह प्रथम आम्नाय पीठ देवी शारदाम्बा की दिव्य उपस्थिति के कारण ज्ञान, परंपरा और आध्यात्म का एक प्रतिष्ठित केंद्र बना हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का लक्ष्य है कि वर्ष 2028 में आयोजित सिंहस्थ से पूर्व ओंकारेश्वर को धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाए, जैसा कि उज्जैन को वैश्विक मान्यता प्राप्त है। ओंकारेश्वर इस दिशा में राज्य के आध्यात्मिक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान ग्रहण करेगा।