आगर-मालवा जिला मुख्यालय में कमल कुंडी पर पुराने पेड़ों पर वर्षों से हजारों की संख्या में झुंड बनाकर रहने वाली चमगादड़ इन दिनों भीषण गर्मी की चपेट में आने से मर रही हैं। तापमान 44 डिग्री पर पहुंच गया है, जिसकी वजह से भीषण गर्मी और लू के चपेट चलने से चमगादड़ बेहोश होकर नीचे गिर रही है और अपना दम तोड़ रही है।
सैकड़ों मृत चमगादड़ मंदिर परिसर और खेतों के पास इधर-उधर पड़ी हैं, जिनके सड़ने से यहां चारों ओर बदबू भी फैल रही है। कई चमगादड़ तो पेड़ पर ही बेहोश हो जाती हैं और वहीं पर लटकते हुए ही मर गई हैं।

वन्यजीव प्रेमी और वन विभाग कर्मियों के अनुसार, दुर्लभ प्रजाति का स्तनधारी यह जीव मध्य भारत में ही पाया जाता है, जो भीषण गर्मी की चपेट में आने से मर रहा है। जानकारों की माने तो यह जीव मौसम में 41 डिग्री से अधिक तापमान होने पर मरने लगता है। लेकिन जिला मुख्यालय पर तो तापमान 44 डिग्री तक पहुंच गया है, जिसकी वजह से इन्हें जीवन सरवाइव करने में बड़ी समस्या हो रही है।वहीं, नौतपा भी शुरू हो गया है। नगर का अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री दर्ज किया गया है।