मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में यूनियन कार्बाइड हादसे की 39वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक पत्रकार वार्ता को आयोजित किया गया। यहां गैस पीड़ितों के पांच संगठनों के नेताओं ने डाव केमिकल को भोपाल अदालत में पेश करने में अपनी हालिया जीत पर खुशी जाहिर की। नेताओं ने भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग के मंत्री और अधिकारियों द्वारा विभाग को बंद करने के प्रयासों की कड़ी निंदा की। संगठनों ने गैस हादसा और उसके बाद के सालों की कहानी को सशक्त ढंग से बताने के लिए वेब सीरीज द रेलवे मेन के कलाकारों और निर्माताओं को बधाई दी।
डाव को मिले कड़ी सजा
भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ की अध्यक्ष रशीदा बी ने कहा कि हमें खुशी है कि 39वीं वर्षगांठ से ठीक पहले हम द डाव केमिकल कंपनी, यूएसए के प्रतिनिधि को भोपाल जिला अदालत में पेश करने में सफल रहे हैं। यह कंपनी जो यूनियन कार्बाइड का मालिक होने की वजह से उसकी आपराधिक जिम्मेदारियों के लिए जिम्मेदार है। पहली बार आपराधिक प्रकरण में हाजिर हुआ है। अब यह अभियोजन पक्ष, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) पर निर्भर है कि वह सुनिश्चित करे कि डाव को भोपाल के उसके अपराधों के लिए कड़ी से कड़ी सजा मिले।
‘पीएम को भेज रहे अपील’
भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने कहा कि यूनियन कार्बाइड पिछले 31 वर्षों से फरार है। अब भगोड़ी कंपनी के मालिक डाव केमिकल को हमारे प्रयासों से हादसे पर आपराधिक मामले में तलब किया गया है। सीबीआई सीधे प्रधानमंत्री के अधीन काम करती है और हम डाव केमिकल के प्रभावी और त्वरित अभियोजन के लिए उन्हें अपील भेज रहे हैं।
विभाग को बंद करने की जताई शंका
भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने भोपाल पीड़ितों के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार के स्थापित विभाग को बंद करने की आधिकारिक योजना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमें हाल ही में एक गोपनीय दस्तावेज मिला है, जिसमें भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग को बंद करने की योजना बताई गई है। राज्य मंत्रिमंडल की अगली बैठक में चर्चा की जाने वाली इस योजना में गैस राहत विभाग द्वारा संचालित पांच अस्पतालों और नौ औषधालयों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण और चिकित्सा शिक्षा विभागों को सौंपने का प्रस्ताव है। कुतर्क के माध्यम से यह दावा किया जा रहा है कि इस तरह के स्थानांतरण से भोपाल गैस पीड़ितों की इलाज में सुधार होगा।
हाई कोर्ट ने लगाई फटकार
भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में उच्च न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त निगरानी समिति की सिफारिशों का पालन करने में गंभीर ढिलाई के लिए भोपाल गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग को फटकार लगाई है। गैस पीड़ित मरीजों के कंप्यूटरीकृत पंजीकरण, इलाज के प्रोटोकॉल और देखभाल की गुणवत्ता में बहुप्रतीक्षित सुधार करने के बजाय संबंधित अधिकारी न्यायिक प्रतिबंधों से बचने के लिए गायब हो जाने की कोशिश कर रहे हैं।
‘आगे और बने फिल्म’
भोपाल गैस पीड़ित महिला महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा की नसरीन खान ने कहा कि हम दुनियाभर के दर्शकों को भोपाल गैस हादसे की कहानी ताकतवर तरीके से बताने के लिए ‘द रेलवे मेन’ के निर्माताओं और कलाकारों को धन्यवाद देते हैं। यह वास्तव में खुशी की बात है कि निर्माताओं ने आपदा के पीछे कॉर्पोरेट साजिशों और सरकारी उदासीनता और उसके लंबे समय के परिणामों को स्पष्टता के साथ उजागर किया है। हमें उम्मीद है कि इस श्रृंखला की सफलता अन्य फिल्म निर्माताओं को भोपाल में चल रही दुनिया की सबसे भयानक औद्योगिक हादसे की पूरी कहानी बताने के लिए प्रोत्साहित करेगी।