जूनियर डॉक्टरों की अनिश्चतकालीन हड़ताल शनिवार रात को समाप्त हो गई। पांच दिन बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर काम पर लौट आए हैं।

बढ़ते काम के दवाब को लेकर भोपाल सहित पूरे प्रदेश में जनियर डॉक्टरों ने मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल कर दी थी। इमरजेंसी सेवाएं भी बंद थीं, इससे मरीज परेशान होने लगे थे। जूडा भोपाल के अध्यक्ष डॉ. अमित टांडिया नें बताया कि हमें चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से मारी मांगों को लेकर आश्वासन मिला है। इसके बाद हमने अपनी हड़ताल वापस ले ली है। जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल के दौरान गांधीगिरी भी की। गरीब मजदूरों सहित प्रसूताओं को कंबल दान किए गए। रक्तदान किया गया।

जूनियर डॉक्टरों ने बताया कि हम चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग से लगभग 8.00 बजे मिले। उन्होंने कहा कि उन्हें जूनियर डॉक्टरों की समस्या का भली-भांति संज्ञान है और उन्होंने आश्वासन दिया कि वह नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग होने तक, योग्यता के आधार पर एमबीबीएस मेडिकल ग्रेजुएट प्रदान करके हमारी समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे। इस आश्वासन के साथ जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन मध्य प्रदेश ने अपना आंदोलन वापस लियाl मध्य प्रदेश के सभी जूनियर डॉक्टर्स तुरंत अपनी जिम्मेदारी के साथ अपने कार्यस्थल पर वापस पहुंच गए हैंl

इसलिए की गई हड़ताल
मप्र जूडा संगठन के डॉ. अमित टांडिया ने बताया था कि प्रदेश में एक हजार से ज्यादा डॉक्टरों की कमी है। बीते आठ महीने से जूनियर डॉक्टर दबाव में काम कर रहे हैं। प्रदेश सरकार से मांग है कि एमबीबीएस कर चुके छात्रों को मदद के लिए रखा जाए। हमारी मांग थी कि जब तक जूनियर डॉक्टर्स के नए एडमिशन से नहीं हो जाते, तब तक नॉन एकेडमिक जूनियर डॉक्टर की नियुक्ति कर जूनियर डॉक्टर्स का कार्यभार कम किया जाएl टांडिया ने बताया था कि काउंसलिंग में देरी भी की वजह से परेशानी हो रही है। 1 जून को जाने वाले पीजी प्रथम वर्ष के जूनियर डॉक्टर अभी तक नहीं आए हैं। इससे काम का दबाव बढ़ रहा है। वहीं फोर्डा यानी फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय संगठन ने केंद्र सरकार से मांग की है कि काउंसलिंग जल्दी कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पक्ष जल्दी रखें। फोर्डा ने इस मांग को लेकर महीने में दूसरी बार हड़ताल की है और मध्य प्रदेश के जूनियर डॉक्टरों भी हड़ताल के माध्यम से समर्थन दे रहे हैं। बता दें कि नीट-पीजी काउंसलिंग का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। डॉक्टरों ने बताया कि मंत्री ने जूनियर डॉक्टर के रिक्त पदों पर एमबीबीएस डॉक्टर की भर्ती करने का प्रयास करने का आश्वासन दिया है।