सुप्रीम कोर्ट ने नगरीय निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराने के आदेश में संशोधन की शिवराज सिंह चौहान सरकार की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को होगी। इसमें चुनाव में आरक्षण को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर सरकार ने मॉडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर का आवेदन सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था, जिस पर कोर्ट आज मंगलवार दोपहर में सुनवाई करेगा। आज साफ हो जाएगा कि सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में कोई बदलाव करता है या नहीं। वहीं, सरकार की मॉडिफिकेशन ऑफ ऑर्डर के आवेदन कांग्रेस नेता सयैद जाफर ने ट्वीट किया कि सरकार के कोर्ट में लगाए 946 पेज में 860 पेज अनुपयोगी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण ओबसी वर्ग को अब कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में कहा कि पूरे प्रदेश में सरकार एक समान आरक्षण नहीं दे सकती। सरकार को को जनपद वार ओबीसी वर्ग को आरक्षण देना है। सरकार ने अपने आवेदन में कही भी जनपद वार ओबसी जनसंख्या का उल्लेख नहीं किया है।
सैयद जफर ने कहा कि प्रदेश सरकार बयानों में तो ओबीसी वर्ग की हितैशी बन रही है, लेकिन नियम कानून में ओबीसी वर्ग के लिए कोई काम नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि ओबीसी आरक्षण खत्म होना प्रदेश सरकार की बड़ी प्रशासनिक चूक या षड्यंत है।