शिवराज सरकार में मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में बरसाती डालकर हुआ अंतिम संस्कार

अशोकनगर जिले की मुंगावली जनपद के ग्राम सोपारा में आज भी हालात जस की तस के बने हुए हैं। गांव में एक 55 साल के व्यक्ति की बीमारी के चलते मौत होने के बाद उसका खुले आसमान के नीचे दाह संस्कार किया गया, जिसके लिए लगभग सात घंटे तक इंतजार किया गया। बता दें कि अभी भी इस गांव में मुक्तिधाम नहीं बनाया गया है। जबकि दो महीने पहले ही वित्तीय स्वीकृति भी हो चुकी है, लेकिन मुक्तिधाम नहीं बन पाया।

क्षेत्र के कई गांव में पर्याप्त सुविधा का भी अभाव है, गंदगी-कीचड़ के बीच खुले में अंतिम संस्कार से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। बारिश में यह समस्या और बढ़ जाती है और अंतिम संस्कार के दौरान बारिश आने पर बरसाती डालकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। लंबे समय से अभी तक इस गांव में मुक्तिधाम की मांग की समस्या का हल नहीं हो पाई है, जबकि कई साल से हर गांव में मुक्तिधाम बनाए जाना सुनिश्चित किया गया है।

गांव में एक शमशान घाट नहीं है और मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, जिसके कारण अंतिम संस्कार करने में गांव के लोगों को हमेशा परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में बारिश हो गई तो परिजनों को बरसाती डालकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है। वहीं, अन्य मौसम में भी खुले में ही अंतिम संस्कार किया जाता रहा है। जबकि शमशान स्थल पर हर जगह प्रत्येक ग्राम पंचायत में मुक्तिधाम की सुविधा के लिए पांच लाख रुपये सरकार की ओर से दिए जाते हैं। लेकिन ग्राम पंचायत की उदासीनता से आमजन परेशान हैं।

ग्रामीणों के द्वारा बताया कि ग्राम सोपरा में श्मशान घाट ही नहीं है। यहां खुले में अंतिम संस्कार करना पड़ता है, जबकि वित्तीय स्वीकृति होने के बाद भी निर्माण कार्य चालू नहीं किया गया है। ऐसी ही परेशानी क्षेत्र के अन्य गांव में भी बनी हुई है। क्योंकि कई गांव में तो श्मशान घाट में आने-जाने के लिए पक्का रास्ता भी नहीं है और बारिश में किसी की मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार करना परिजनों को लिए भारी पड़ता है।

मामले को लेकर जनपद पंचायत अधिकारी से बात की गई तो उनके द्वारा बताया कि, निर्माण एजेंसियों को दो महीने पहले निर्माण करने का कहा गया था। क्योंकि बरसात आने वाली थी, लेकिन अभी तक निर्माण नहीं हुआ है, जिसके कारण अंतिम संस्कार खुले में हुआ है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here