आगामी बजट को लेकर भी भारतीय टेक कंपनियों को काफी उम्मीदें

वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट एक फरवरी 2022 को पेश होने वाला है। प्रत्येक नए वित्त वर्ष की तरह आगामी वित्त वर्ष को लेकर भी देश के लोगों, कंपनियों और बाजार को तमाम तरह की उम्मीदें हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह चौथा बजट होगा और नरेंद्र मोदी सरकार का यह 10वां बजट होगा। भारत तेजी से मैन्यूफैक्चरिंग हब बन रहा है और इसमें भारतीय कंपनियां बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। स्मार्ट टीवी, ईयरबड्स, मोबाइल निर्माण आदि के क्षेत्र में भारतीय कंपनियां विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही हैं। आगामी बजट को लेकर भी भारतीय टेक कंपनियों को काफी उम्मीदें हैं। आइए भारतीय टेक कंपनियों के सीईओ बजट को लेकर क्या सोचते हैं…

अवनीत सिंह मारवाह, सीईओ, एसपीपीएल

थॉमसन, कोडक, Blaupunkt, White-Westinghouse जैसे ब्रांड से टीवी और वॉशिंग मशीन तैयार करने वाली सुपर प्लास्ट्रोनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ अवनीत मारवाह ने आगामी बजट को लेकर कहा है, ‘इस वक्त भारतीय उद्योग जगत ‘आत्म निर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ के महत्व को महसूस कर रहा है। पड़ोसी देशों से आयात को सुगम बनाने के लिए भारत सरकार को बड़े कदम उठाने चाहिए। फिलहाल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए आवश्यक कच्चे माल का 65 फीसदी हिस्सा पड़ोसी देशों से आयात किया जाता है, जिससे उन पर हमारी निर्भरता बहुत अधिक हो जाती है। सरकार ने सेमीकंडक्टर चिपसेट और डिस्प्ले पैनल के विकास के लिए पीएलए योजना के तहत 76,000 करोड़ रुपये की मंजूरी देकर एक बड़ा काम किया है लेकिन सरकार को इसके लिए एक समय तय करनी चाहिए, ताकि इसका लाभ उठाया जा सके।’

मंदीप अरोड़ा, प्रबंध निदेशक, यूबॉन

घरेलू कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक कंपनी यूबॉन प्रबंध निदेशक मंदीप अरोड़ा ने बजट को लेकर कहा है, ‘इस साल सरकार द्वारा भारत को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माण एवं निर्यात का हब बनाने की दिशा में मजबूत कदम उठाए जाने की संभावना है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद के निर्यात को प्रोत्साहन मिले और जीएसटी की दर कम की जाए। मौजूदा समय में एक्सपर्ट का कहना है कि पार्ट के आयात शुल्क के बढ़ने की संभावना है। मेरा मानना है कि बजट में मूल्य वृद्धि पर ज्यादा जोर दिए जाने की जरूरत है, जिसमें कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और पार्ट्स निर्माण के लिए खास प्रोत्साहन और रियायतें शामिल हैं।’

ललित अरोड़ा, सह-संस्थापक, विंगाजॉय

2021 महामारी की चुनौती की वजह से प्रत्येक सेक्टर के लिए चुनौतीपूर्ण था। ऐसे में नए वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से उसकी नई नीतियों से कई उम्मीदें हैं। बजट 2022 में सरकार से उद्योगों के बचाए रखने के लिए रियायतों की घोषणा की उम्मीद है। हमें उम्मीद है कि आगामी बजट में मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी प्रगतिशील पहलों को मजबूत बनाने के लिए नए पहल शुरू किए जाएंगे।

हरी ओम राय, लावा इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक

वैश्विक स्तर पर भारत को चैंपियन बनने के लिए एक अलग बजट की जरूरत है। भारत के पास वैश्विक चैंपियन बनने की पूरी क्षमता है। घरेलू कंपनियों को वैश्विक स्तर पर एक पहचान देने के लिए सकल घरेलू उत्पाद, रोजगार और विदेशी मुद्रा में वृद्धि करने की जरूरत है। इस बजट में कच्चे माल के शुल्कों में कोई वृद्धि नहीं होनी चाहिए, क्योंकि यह हमारी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को प्रभावित करेगा। 

अशोक राजपाल, Ambrane

बजट 2022 महामारी में प्रभावित भारतीय एमएसएमई और विनिर्माण क्षेत्र को बहाल करने में महत्वपूर्ण होगा। उम्मीद है कि बजट 2022 आयात निर्भरता को कम करने और ‘मेक इन इंडिया’ प्रयास का समर्थन करने के लिए स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं के लिए बाजार को प्रोत्साहन देना जारी रखेगा। मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए सरकार को निजी क्षेत्र को सब्सिडी और वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके रिसर्च और डेवलपमेंट को प्रोत्साहित करना चाहिए। अब मेक इन इंडिया योजनाओं और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माताओं के लिए प्रोत्साहन की आवश्यकता है।

अर्जुन बजाज, Videotex

आगामी केंद्रीय बजट 2022 मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है जो भारत के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 20 फीसदी है। मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र के पास रोजगार और निवेश के अलावा देश के विकास को गति देने की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, हालांकि आगे बढ़ने के लिए सरकार को मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहित करना और समर्थन देना चाहिए।

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