अरनिया कलां के रहने वाले नौसेना जवान मनोज वर्मा की अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। श्मशान घाट पर नेवी प्रोटोकॉल तथा हिंदू रिवाजों के द्वारा मनोज का अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि छोटे भाई मनीष वर्मा ने दी।

विशाखापट्टनम में सड़क हादसे में मृत नौसेना के जवान मनोज वर्मा के पार्थिव शरीर को शुक्रवार सुबह भोपाल से गृह ग्राम अरनिया कलां लाया गया। सेना के वाहनों का काफिला जैसे ही गांव में प्रवेश हुआ, अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। अंतिम यात्रा के दौरान पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित करने का सिलसिला शुरू हुआ। जो कई जगह जारी रहा, अंतिम यात्रा में डीजे भी शामिल रहे। जिन पर देशभक्ति तराने गूंजे। गांव पहुंचने पर मनोज वर्मा का पार्थिव शरीर उनके घर ले जाया गया, जहां रीति-रिवाज पूरे करने के साथ परिवार के लोगों ने श्रद्धांजलि दी। श्मशान घाट तक के रास्ते पर नम आंखों से लोगों ने मनोज वर्मा को विदाई दी। 
जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि


श्मसान घाट पर यहां पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने मनोज वर्मा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जो राष्ट्र के लिए अपने प्राणों की आहुति देता है। वह कभी मरता नहीं है। हमारे समाज में, हमारे देश में वह सदैव जिंदा रहता है। कालापीपल विधायक कुणाल चौधरी ने भी मनोज वर्मा को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने गांव के मंदिर में विधायक निधि से पांच लाख रुपये से टीन शेड मनोज वर्मा की स्मृति में बनवाने की घोषणा की। श्रद्धांजलि सभा में देवास शाजापुर लोकसभा क्षेत्र सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी, पूर्व विधायक बाबूलाल वर्मा सहित अन्य गणमान्य जन व क्षेत्र के हजारों लोग शामिल रहे। मनोज वर्मा की चिता को मुखाग्नि छोटे भाई मनीष वर्मा ने दी।