मध्य प्रदेश : हाईकोर्ट ने छिंदवाड़ा SP का निलंबन आदेश वापस लिया

छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक को निलंबित किये जाने का आदेश हाईकोर्ट ने वापस ले लिया है। एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर भी आंध्र प्रदेश से आकर न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए। हाईकोर्ट ने बुधवार को पारित आदेश में पुलिस निर्देशक को निर्देशित किया था कि छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें तथा जारी गैर जमानतीय वारंट को तामील करवाएं।

छिंदवाड़ा के चार फाटक स्थित तुलसी नारायण सकीर्तन मंडल की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि एनएचआई ने मंदिर की 1254 वर्ग का अधिग्रहण किया था। जमीन अधिग्रहण करने के बावजूद भी मुआवजा प्रदान नहीं किया गया था। जिसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद मुआवजा प्रदान करने के निर्देश दिये थे। जिसके बाद सिर्फ 636 वर्ग फीट का मुआवजा दिया गया था। हाईकोर्ट ने शेष जमीन का मुआवजा देने के निर्देश अगस्त 2018 में जारी करते हुए याचिका का निराकरण कर दिया था।

एनएचआई द्वारा आदेश के बावजूद भी मुआवजा की राशि प्रदान नहीं की गयी। जिसके कारण अवमानना याचिका दायर की गयी थी। हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान 28 मार्च को युगलपीठ ने एनएचआई के प्रोजेक्ट डारेक्टर अनिल कुमार के खिलाफ गैर जमानतीय वारंट जारी करने हुए पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा को तामीली के निर्देश दिये थे।

याचिका पर बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से बताया गया कि प्रोजेक्ट डायरेक्टर का स्थानातंरण हो गया है। सरकार की तरफ से जारी गैर जमानतीय वारंट निरस्त करने का आग्रह किया गया था। युगलपीठ ने सुनवाई के दौरान पाया कि पुलिस अधीक्षक ने हाईकोर्ट रजिस्ट्री को लिखे गये पत्र में गैर जमानतीय वारंट तामील नहीं होने का कारण स्थानातंरण होना बताया है। युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि पुलिस अधीक्षक के जवाब से हम स्तब्ध हैं और यह स्वीकार योग्य नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि हमारे आदेशों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। युगलपीठ ने सुनवाई के बाद पुलिस महानिर्देशक को निर्देशित किया था कि वह छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई करें। पुलिस अधीक्षक गैर जमानतीय वारंट तामील करवाने में असक्षम है, इसलिए वह गैर जमानीय वारेंट को तामील करवाएं। याचिका पर अगली सुनवाई 19 अप्रैल को निर्धारित की गयी थी।

अवमानना याचिका की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत की गयी। याचिका की सुनवाई के दौरान एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अनिल कुमार युगलपीठ के समक्ष प्रस्तुत हुए और बिना शर्त माफीनामा पेश किया गया। युगलपीठ को बताया गया कि उनका स्थानातंरण आंध्र प्रदेश हो गया था। इसके अलावा सरकार की तरफ से बुधवार को पुलिस अधीक्षक छिंदवाड़ा पर निलम्बन कार्रवाई के संबंध में पारित आदेश को वापस लेने आवेदन पेश किया गया था। युगलपीठ ने आवेदन को स्वीकार करते हुए आदेश वापस लेने के निर्देश जारी किए हैं। युगलपीठ ने मुआवजा संबंधित आदेश का पालन करने के लिए चार सप्ताह का समय प्रदान किया है।

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