मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव आते ही अपनी मांगों को लेकर कई संगठन मैदान में आ गए हैं। राजधानी भोपाल में आयुष विभाग के होम्योपैथिक स्टूडेंट्स अपनी मांगों को लेकर बीते पांच दिनों से हड़ताल पर हैं।
इसके पहले इन्होंने अपनी मांगों को लेकर आयुष विभाग, आयुष मंत्री से मुलाकात की थी। लेकिन किसी भी तरह का सकारात्मक आश्वासन न मिलने के बाद ये सभी 29 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। दूसरी ओर छात्रों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को असुविधा का समाना करना पड़ रहा है।
होम्योपैथिक छात्र अपनी चार सूत्रीय मांगों लेकर हड़ताल पर हैं। इनमें स्टाइपेंड में CPI अनुसार वृद्धि, नवीन डिस्पेंसरिस, नवीन पदों का सृजन, सवेतन मेडिकल लीव, समय से शैक्षणिक गतिविधियां करवाना हैं। छात्रों ने यह भी बताया है कि प्रदेश का यह एकमात्र शासकीय होम्योपैथिक महाविद्यालय है, उसके बाद भी सरकार ध्यान नहीं दे रही है। धरना प्रदर्शन से अस्पताल में आने वाले मरीजों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
प्रदेश की होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा ठप पड़ी है। हड़ताल के साथ ही छात्रों ने मानव श्रृंखला बनाकर, कैंडल मार्च करके अपना आक्रोश जाहिर किया है। इसके पहले एक अक्तूबर को स्वच्छता दिवस के पहले रविवार को गांधी जयंती पर छात्रों ने श्रमदान भी किया। साफ-सफाई कर भारत के जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज भी निभाया।