मध्य प्रदेश के गुना में तीन पुलिसकर्मियों की हत्याकांड में चार आरोपी पुलिस की गोलियों से मारे जा चुके हैं। दो को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। हथियार बरामदगी के लिए ले जाते समय आरोपियों ने भागने की कोशिश की, जिस पर पुलिस को मजबूरन पैर पर गोली चलानी पड़ी। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

एसपी राजीव मिश्रा ने बताया कि पूछताछ के दौरान शिकार किए हिरण और हथियार राघौगढ़ के जंगल में छिपाना बताया गया। इस पर पुलिस दोनों आरोपियों को लेकर बरामदगी के लिए जा रही थी। ग्राम भोढनी की घाटी पर पहुंचने पर आरोपी शानू खान ने अचानक से पुलिस वाहन की स्टीयरिंग मोड़ दी, जिससे गाड़ी रोड से नीचे उतरकर पलटते-पलटते बच गई, तभी दूसरे आरोपी जिया खान ने थाना प्रभारी बजरंगगढ़ उपनिरीक्षक अमित अग्रवाल की शासकीय पिस्टल छीनने की कोशिश की। इस संघर्ष के बाद दोनों आरोपियों ने पुलिस जीप से निकलकर भागने का प्रयास किया तो उन्हें रोकने के लिए पुलिस ने पहले हवाई फायर किया, लेकिन वे नहीं रुके तो उन्हें काबू में करने के लिए उनके पैरों में गोली मार दी। दोनों आरोपियों को इलाज के लिए आरोन के अस्पताल लाया गया।

जनरेटर और मोटर पंप से पानी खाली किया जा रहा है।

उधर पुलिसकर्मियों पर हमले का आरोपी नौशाद खान मुठभेड़ में तो मारा गया पर अब तक पुलिस को हथियार नहीं मिले हैं। इसके लिए एक कुएं की तलाशी ली जा रही है। जनरेटर और मोटर पंप से पानी खाली किया जा रहा है। मौके पर भारी पुलिस फोर्स मौजूद है।

बता दें कि गुना के आरोन इलाके के जंगल में शनिवार तड़के पुलिसकर्मी काले हिरण के शिकार के मामले में सर्चिंग करने गए थे। यहां शिकारियों ने छिपकर उन पर फायरिंग की। गुना पुलिस का कहना है कि सगा बरखेड़ा की तरफ से बदमाशों के जाने की सूचना मिली थी। इनकी घेराबंदी के लिए 3-4 पुलिस टीम लगाई गई थीं। इसके बाद शहरोक के जंगल में 4-5 बाइक से बदमाश जाते हुए दिखे। पुलिस ने घेराबंदी की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। शिकारियों के पास से पांच हिरण और एक मोर के अवशेष जब्त किए गए हैं। यह घटना तड़के 4:00 बजे की बताई जा रही है।