मप्र की आर्थिक राजधानी इंदौर की तर्ज पर ही धर्म-अध्यात्म की नगरी उज्जैन भी विकास की रफ्तार पकड़ रहा है। आने वाले पांच से दस सालों में उज्जैन को इंदौर के समानांतर लाने के प्रयास हो रहे हैं। मेडिकल डिवाइस पार्क की मंजूरी हाल ही में मिली है और अब उज्जैन में आईआईटी इंदौर सैटेलाइट कैंपस बनाने की तैयारी कर रहा है। शोध केंद्र भी खोले जाएंगे।
दरअसल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर उज्जैन में भी संस्थान का विस्तार कर रहा है। उज्जैन में करीब 100 एकड़ भूमि पर परिसर बनाया जाएगा। इसकी लागत करीब 500 करोड़ रुपये है। शासन को इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है और उच्च शिक्षा मंत्री से बात भी हो चुकी है। प्रस्ताव को लेकर शासन का सकारात्मक रवैया सामने आया है। इस लिहाज से माना जा रहा है कि सरकार की ओर से हरी झंडी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा। तीन साल में यह काम पूरा किया जाएगा और सिंहस्थ के पहले कक्षाएं आरंभ की जाएंगी।
एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस विषय की होगी पढ़ाई
आईआईटी इंदौर के कार्यवाहक निदेशक प्रो. निलेश कुमार जैन ने बताया कि इस मामले में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ दो बार बैठक हो चुकी है। शासन की ओर से भी सकारात्मक जवाब आया है। चूंकि उज्जैन के कई विद्यार्थी चाहते हैं कि उनको अपने ही शहर में अच्छी शिक्षा मिले। संस्कृत व वैदिक ज्ञान के लिए उज्जैन प्रसिद्ध है। दुनियाभर में उज्जैन की अपनी अलग पहचान है। यहां मेडिकल डिवाइस पार्क भी बनेगा। कई चिकित्सा उपकरणों का निर्माण होगा। इसमें भी संस्थान अपनी भागीदारी दे सकता है। उज्जैन में परिसर को शोध के लिए विशेष केंद्र बनाने पर विचार करेंगे। यहां कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल विषयों में बीटेक और एमटेक कोर्स तो करवाए ही जाएंगे, साथ ही एस्ट्रोनॉमी और स्पेस साइंस विषय भी पढ़ाए जाएंगे। संस्कृत में भी नए विषय सम्मिलित किए जाएंगे।
उज्जैन-इंदौर के बीच दौड़ेगी मेट्रो
उज्जैन में भी इस संबंध में घोषणा की गई है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव और सांसद अनिल फिरोजिया ने कहा है कि आने वाले पांच से दस सालों में उज्जैन पूरी तरह से इंदौर के समानांतर विकास करने वाला शहर बन जाएगा। उज्जैन में आईआईटी इंदौर का सैटेलाइट कैंपस खोला जाएगा। यह कैंपस अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध केंद्र के रूप में विकसित होगा। अपनी तरह का यह देश का पहला शिक्षण संस्थान होगा। इसके साथ ही मेट्रो ट्रेन भी इंदौर से उज्जैन के रास्ते चलाई जाएगी। उज्जैन में एयरपोर्ट खोले जाने का रास्ता भी साफ हो गया है। उज्जैन-इंदौर के बीच प्रस्तावित मेट्रो के सर्वे के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अनुमति दे दी है।
डॉ. यादव ने बताया कि उज्जैन में केंद्र और राज्य सरकार मिलकर जल्द ही एयरपोर्ट भी विकसित कर रहे हैं। आईआईटी इंदौर इंडस्ट्रियल रिसर्च पार्क खोलेगा, जो इंदौर उज्जैन और आसपास के सभी क्षेत्रों की औद्योगिक इकाइयों को शोध कार्य में मदद करेगा। स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करेगा। इसे टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के रूप में स्थापित किया जाएगा। 100 से 150 से अधिक कंपनियां जोड़ी जा सकेंगी। अभी आईआईटी चेन्नई और आईआईटी मुंबई में ही ऐसे रिसर्च पार्क कार्य कर रहे हैं। आने वाले मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए इस पार्क के माध्यम से कार्य किया जाएगा।
जल संसाधन पर होगा शोध कार्य
डॉ. यादव ने बताया कि जल संसाधन प्रबंधन के लिए यह एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा। जहां जल के संबंध में शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ जल संसाधन पर शोध कार्य किया जाएगा। वाटर मैनेजमेंट पर आधारित पाठ्यक्रम भी संचालित किए जाएंगे। यह अपनी तरह का देश का पहला केंद्र होगा। भारतीय ज्ञान परंपरा पर केंद्रित यह केंद्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देश का मॉडल बनेगा, जिसमें कृषि, ज्ञान परंपरा, हॉलिस्टिक मेडिसिन, प्राचीन ज्ञान को संरक्षित करने जैसे विषय पर शोध होंगे। इस केंद्र के अंतर्गत डिजिटल एनवायरमेंट डेवलपमेंट स्टडी पर नेशनल रिसर्च सेंटर और सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए ह्युमेनिटीज और सोशल साइंस एजुकेशन पर राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।