मध्यप्रदेश में सियासत करवट ले रही है। शराब नीति को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर हमलावर उमा भारती को कहना पड़ा कि मध्यप्रदेश दूसरे राज्यों के लिए मॉडल बनेगा। गुरुवार को खबर आई कि दतिया जिला नशामुक्ति जनजागरण अभियान में देश में अव्वल आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश को नशामुक्ति की तरफ ले जाएंगे। शराब नीति में आवश्यकता के अनुसार बदलाव भी करेंगे। उमा भारती भी तो आखिर लंबे अरसे से अभियान चलाकर इसी की मांग कर रही हैं। वह मौजूदा शराब नीति की आलोचना कर उसमें बदलाव की मांग कर रही हैं।
दरअसल, बात ही कुछ ऐसी है। 17 और 20 जुलाई को मध्यप्रदेश नगर निगम चुनावों के नतीजे आए। भाजपा के 16 में से सिर्फ नौ महापौर ही जीत सके। उसे सात नगर निगमों की महापौर कुर्सी गंवानी पड़ी। कांग्रेस ने जबरदस्त वापसी की और पहली बार पांच महापौर पद हासिल किए। एक पद आम आदमी पार्टी और एक निर्दलीय प्रत्याशी ने जीता। इसे सत्ता का सेमीफाइनल कहा जा रहा था। ऐसे में संकेत साफ है कि भाजपा की स्थिति डांवाडोल है। उमा भारती के हमलावर रुख को अपने पक्ष में करने के लिए मुख्यमंत्री ने संकेत दिए हैं कि शराब नीति में बदलाव हो सकता है। यह एक बड़ा यू-टर्न है क्योंकि अब तक सरकार अपनी शराब नीति को सबसे अच्छा बता रही थी।
क्या कहा शिवराज ने
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कहा कि नशा नाश की जड़ है। शराब हो या और कोई नशा हो, वह मनुष्य को बर्बाद करने का काम करता है। इसलिए जरूरी है कि नशे के खिलाफ हम समाज के साथ मिलकर अभियान चलाएं। मध्यप्रदेश में यह अभियान प्रारंभ हुआ है। हमारा सदैव से यह प्रयास रहेगा कि मध्यप्रदेश में अवेयरनेस पैदा करके मध्य प्रदेश को हम नशा मुक्ति की तरफ ले जाएं। नशामुक्ति अभियान तो हमारा लगातार जारी रहेगा, जिसके लिए भारत सरकार ने भी मध्यप्रदेश को पुरस्कृत किया है। अब इस जन-जागरण को और आगे ले जाने की आवश्यकता है। इस वजह से मध्यप्रदेश सरकार दोनों स्तरों पर काम करेगी। हम कैसे जनजागृति पैदा करके, नशे से लोगों को दूर करें और मध्य प्रदेश को नशामुक्त बनाएं। हम अपनी शराब नीति भी ऐसी बनाएंगे कि संशोधन जहां आवश्यक होगा निश्चित तौर पर करेंगे। जिसके कारण शराब और बाकी नशे से कैसे लोग दूर रह सके, उस दिशा में भी हम गंभीर प्रयास करेंगे ।
शिवराज को याद आई उमा
शिवराज ने कहा कि शराब के अलावा और भी बाकी नशे है जो काफी खतरनाक है। जो युवा पीढ़ी की जड़ों को खोखला कर रहे हैं। उनके खिलाफ भी हमारा अभियान लगातार जारी रहेगा। हमारी बहन उमा भारती केवल राजनीतिक नेता नहीं, वह सामाजिक परिवर्तन के लिए भी लगातार प्रयास करती रहती हैं और लगातार वह नशा मुक्ति के लिए प्रयत्न रहती है। उनसे और समाज के बाकी लोगों से बात करके, कैसे नशे से दूर समाज रह सकता है। मध्य प्रदेश को हम कैसे नशे से बचा सकते हैं। इसके लिए लगातार प्रयास करते रहेंगे। भारत सरकार की जो अपेक्षा है, नशा मुक्ति की उस दिशा में भी हमारा लगातार प्रयास जारी रहेगा। मुख्यमंत्री के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि सीएम शिवराज की पहल अभिनंदनीय है। उन्होंने शराब नीति को संशोधित करने एवं संपूर्ण नशामुक्ति के लिए जागरुकता अभियान को और गति देने की घोषणा की है। मुझे विश्वास है कि शराब नीति में किए गए संशोधनों से मध्यप्रदेश अन्य राज्यों के लिए मॉडल बनेगा।
इसका क्या मतलब है?
सीधी-सी बात है कि दतिया के बहाने शिवराज ने उमा भारती को खुश करने की कोशिश की है। वह नहीं चाहते कि जब भाजपा प्रदेश में कमजोर हो रही है तो उमा भारती जैसी दिग्गज नेता भी उनके खिलाफ सक्रिय हो जाए। इस वजह से उन्होंने न केवल शराब नीति में बदलाव की बात कही, बल्कि उमा भारती का जिक्र भी अपने नशामुक्ति अभियान में किया। निश्चित तौर पर नशामुक्ति अभियान में सक्रिय हुई उमा भारती के लिए भी यह अच्छी बात है। अब तक सरकार उनकी किसी भी मांग पर कुछ कहने से बच रही थी। इसी वजह से उन्हें शराब दुकान पर पत्थर फेंकना पड़ा तो कहीं महिलाओं के साथ प्रदर्शन करना पड़ा।