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छतरपुर में छात्रा से दुष्कर्म करने और उसे एमएमएस से ब्लैकमेल करने वाले शिक्षक को सजा सुनाई गई है। आरोपी ने बहला-फुसला कर नाबालिग के साथ दुष्कर्म किया था और एमएमएस बना लिया था। छतरपुर जिला न्यायालय के विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विक्रम भार्गव के न्यायालय ने उसे 20 साल की सजा दी है। साथ ही दो हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।
अभियोजन मीडिया सेल एडीपीओ केके गौतम ने बताया कि 25 अगस्त 2019 को पीड़िता के पिता ने थाने में लिखित आवेदन दिया था। बताया था कि उसकी 16 वर्षीय पुत्री 11वीं कक्षा की छात्रा है, जो कि आरोपी के यहा कोचिंग पढ़ती थी। आरोपी ने बहला फुसला कर उसका अश्लील वीडियो बना लिया व उस वीडियो के नाम पर ब्लैकमेल कर रहा है। जब वह नहीं मानी तो उसने वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल दिया, जिससे उसकी पुत्री की बहुत बदनामी हो रही है।
बयानों में बताई ब्लेकमेलिंग और प्रताड़ना की बात..
पुलिस ने विवेचना दौरान जब पीडिता के बयान लिए तो उसके द्वारा सहमे-सहमे बताया कि जब मैं आरोपी के यहा पढ़ने जाती थी तो आरोपी ने करीब 6 माह पहले कोचिंग में ही जबरजस्ती उसके साथ गलत काम किया था तथा किसी को बताने पर उसके भाई को जान से मारने की धमकी देता था। इसलिए डर के कारण उसने यह बात घर पर किसी को भी नही बताई थी। अभियुक्त करीब 6 माह से उसके भाई को जान से मारने का भय दिखा कर व वीडियो वायरल करने की धमकी देकर लगातार उसके साथ गलत काम किया व मोबाइल फोन पर वीडियों कॉलिग कर रहा है। फरियादी के आवेदन पर अभियुक्त के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की गई।
जघन्य अपराधों की श्रेणी में रखा
मामले को जघन्य सनसनीखेज अपराधों की सूची में रखा गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला स्तरीय समिति द्वारा चिन्हित जघन्य सनसनीखेज अपराध की श्रेणी में रखा गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियुक्त के विरुद्ध भादवि, पॉक्सो एक्ट एवं IT एक्ट के तहत् अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन की ओर से डीपीओ प्रवेश कुमार अहिरवार ने पैरवी करते हुए न्यायालय से निवेदन किया कि आरोपी ने कोंचिग संचालक (शिक्षक) के गरिमामयी पद पर होते ऐसा निंदनीय कृत्य किया है। उन्होंने अधिकतम सजा की मांग की।
15 गवाहों ने दी गवाही
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत 15 गवाहों के बयानों के उपरांत विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) विक्रम भार्गव के न्यायालय ने आरोपी शिक्षक को दोषी करार देकर 20 वर्ष का कठोर कारावास व दो हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।