श्योपुर जिले के विजयपुर में विधानसभा उपचुनाव की वोटिंग खत्म होने के बाद भी बवाल थमा नहीं है। बुधवार देर रात गोहटा गांव में करीब 200 दबंगों ने दलित बस्ती में जमकर उत्पात मचाया। इस दौरान पहले पथराव किया फिर 4 कच्चे घरों, ट्रांसफॉर्मर और 4-5 बिजली पोल समेत पशुओं के चारे को आग के हवाले कर दिया। गांव में लगी डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा को भी तोड़ा गया, जिससे लोगों में नाराजगी है।
विजयपुर टीआई पप्पू सिंह यादव का कहना है कि हमारे पास शिकायत आएगी तो कार्रवाई करेंगे। चुनाव का तनाव तो रहता ही है। ऐसी कोई बात नहीं है। बता दें बुधवार को वोटिंग के दौरान भी जगह-जगह मारपीट और बूथ कैप्चरिंग की घटनाएं सामने आई थीं। बताया जा रहा है विवाद वोटिंग के दौरान का ही है, जिसे लेकर इस घटना को अंजाम दिया गया। ऐसे हालात सिर्फ गोहटा गांव के नहीं बल्कि, सीखेड़ा गांव में भी हैं, जहां दलित आदिवासी परिवारों पर कहर बरपाया जा रहा है। एक महिला को वोटिंग के बाद रास्ते से गुजरते वक्त कुछ लोगों ने मिलकर पीट दिया। दूसरे लोगों को भी धमकाया जा रहा है। इससे इस पूरे क्षेत्र में आदिवासी डरे हुए हैं।
पुलिस कह रही शिकायत तो मिले
विजयपुर के गोहटा गांव में पथराव और आगजनी की घटना के बाद पुलिस की दो गाड़ियां पहुंची थीं, जो वीडियो में साफ दिखाई दे रही हैं, लेकिन विजयपुर टीआई पप्पू सिंह यादव इस घटना की कोई शिकायत तक नहीं मिलने की बात कह रहे हैं। ऐसे में आदिवासी सवाल उठा रहे हैं कि आगजनी और पथराव की घटना होने के बाद भी आरोपियों पर पुलिस कोई एक्शन नहीं ले रही। आरोपी उन्हें लगातार धमका रहे हैं। कानून नहीं बल्कि गुंडों का राज है।
उनके हिसाब से वोट नहीं दिए तो ले रहे बदला
सीखेड़ा गांव के ग्रामीणों ने बताया है कि हमारे समाज के लोगों ने रावत समाज के लोगों के कहने से उनके हिसाब से मतदान नहीं किया था। इसी बात को लेकर उन्होंने
मंगलवार को भी हमारे समाज के लोगों को मारा-पीटा और गोली चलाई थी। मतदान के बाद वह हमसे बदला लेना चाहते हैं। पूरा गांव डरा हुआ है।
बात नहीं मानने का नतीजा
गोहटा गांव के ग्रामीणों ने बताया है कि चुनाव में हमने रावत समाज के लोगों की बात नहीं मानी, इसलिए उन्होंने रात में हमारे घरों पर पथराव कर दिया, चारा और झोपड़ियों में आग लगा दी। बिजली के खंभे और ट्रांसफॉर्मर तोड़ दिए। पुलिस कल से हमारी सुनवाई तक नहीं कर रही, हमारे साथ कोई भी घटना हो सकती है। चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए था, लेकिन यह चुनाव गुंडागर्दी का चुनाव रहा। हमने पूरी जिंदगी में ऐसा चुनाव इससे पहले कभी नहीं देखा।