सीहोर के टाउन हॉल के बाहर पिछले सात दिनों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही हैं। हड़ताल के दौरान सातवें दिन सोमवार को कार्यकर्ताओं ने कई तरह के गीत गाकर मप्र सरकार को मांग पूरी करने के लिए आह्वान किया।

प्रदेश स्तरीय आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की अनिश्चितकालीन हड़ताल अभी भी जारी है। कार्यकर्ता न्यूनतम वेतन की अधिसूचना शीघ्र जारी करने, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित बनाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रही हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका कल्याण समिति संघ की जिलाध्यक्ष रेणु शर्मा ने बताया कि काम के एवज में आंगनवाड़ी कर्मियों को दिए जा रहे मानदेय की राशि अत्यधिक कम है। शासन से अपनी मांगों के निराकरण की मांग को लेकर प्रदेश स्तर पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। मांगों को लेकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका कल्याण समिति संघ की कार्यकर्ताएं 29 मार्च से टाउन हॉल के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठी हैं। इस मौके पर सचिव नन्दा कुशवाहा, परियोजना अध्यक्ष सफिया बानो सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता, मिनी कार्यकर्ता, सहायिका मौजूद थीं।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मांग है कि  भारत सरकार ने अक्टूबर 2018 में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, मिनी कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ाया। जिसका आज तक एरियर्स सहित भुगतान नहीं किया गया, शीघ्र भुगतान हो। सभी कार्यकर्ता, सहायिकाओं को नियमित किया जाए। राज्य शासन कर्मचारी घोषित किया जाए।  सेवानिवृत्त होने पर कार्यकर्ताओं को 5 लाख व सहायिकाओं को 3 लाख रुपये दिए जाएं। कोरोना काल की प्रोत्साहन राशि 10 हजार रुपये दी जाए।  मिनी कार्यकर्ता को आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के रूप में पदौन्नत किया जाए। भविष्य में केवल सहायिका व कार्यकर्ता की भर्ती की जाए। वरीयता के आधार पर कार्यकर्ता से सुपरवाइजर, सहायिका से कार्यकर्ता के पद पर पदौन्नति दी जाए। मोबाइल पर कार्य करने प्रशिक्षण दिया जाए। प्रशिक्षण हिन्दी में दिया जाए। सभी कर्मचारी की भांति देय सभी सामान्य व्यक्ति का अवकाश केंद्रों में लागू किया जाए। प्रत्येक माह की 5 तारीख तक मानदेय का भुगतान हो ताकि समय से कर्मचारी की आवश्यकता व परिवार का भरण पोषण कर सकें। इसी तरह अन्य मांगों के निराकरण की मांग की है।