राजनीति में जनप्रतिनिधियों को हर तरह के जतन करने पड़ते हैं, जिससे जनता उन्हें अपने साथ का ही समझे। इन दिनों चुनाव में भी यही सब देखने में आ रहा है। कभी मुख्यमंत्री बैंड मास्टर के घर रात गुजारते हैं तो कभी महाराजा आदिवासियों के साथ थिरकते हैं। कभी विधायक मांदल बजाते हैं तो कभी सांसद मंजीरे। इनको देखकर यही लग रहा है कि वोट मांगने के लिए क्या कुछ नहीं करना पड़ता।
दरअसल मप्र की तीन विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं। 30 अक्टूबर को मतदान होगा और 2 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव प्रचार अंतिम चरणों में है और दो दिन बाद प्रचार का शोर थम जाएगा। इसके चलते भाजपा-कांग्रेस के बड़े नेता चुनाव प्रचार में ताकत झोंक रहे हैं। आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है और दलबदल की सियासत भी जारी है। रविवार को कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने भाजपा का दामन थामकर उपचुनाव को और रोचक बना दिया।
आदिवासी कलाकारों के साथ थिरके सिंधिया
अब बात करतें हैं नेताओं की जो वोट मांगने के लिए अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं। पहले बात करते हैं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की जो 24 अक्टूबर को बुरहानपुर क्षेत्र में प्रचार के लिए पहुंचे थे। डोईफोडिया गांव में उनकी सभा थी। जब वे सभा के लिए पहुंचे तो वहां आदिवासी कलाकार लोकगीतों पर लोकनृत्य कर रहे थे। यह देखकर सिंधिया खुद को रोक नहीं पाए और कलाकारों के साथ लोक नृत्य करने लगे। सिंधिया के साथ ही मंत्री तुलसी सिलावट भी थिरके।
मंजीरे बजाकर झूमे सांसद
अब बात करते हैं सांसद शंकर लालवानी की जो मंजीरे बजा रहे हैं। यूं तो सांसद कई बार कार्यक्रमों में थिरक चुके हैं लेकिन उनका एक वीडियो इन दिनों सुर्खियों में है। इसमें वे मंजीरे बजा रहे हैं। सांसद खंडवा लोकसभा के पंधाना विधानसभा के सिगोट व गुडी मण्डल के ग्रामों में पार्टी के लिए प्रचार के लिए गए थे। इसमें वे आदिवासियों के साथ मंजीरे बजाते दिख रहे हैं। आदिवासियों से सरकार की योजनाओं के बारे में बात भी की और उनके साथ नृत्य भी किया।
पिता गाते थे भजन, बेटा बजा रहा मांदल
अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहने वाले भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के विधायक पुत्र आकाश विजयवर्गीय भी कम नहीं है। किसी समय कैलाश विजयवर्गीय भजन गाते थे तो अब आकाश विजयवर्गीय मांदल बजा रहे हैं। इनका भी एक वीडियो सामने आया है जो जोबट उपचुनाव का है। यहां भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने के लिए विधायक को मांदल बजानी पड़ी और अपने ही अंदाज में लोगों से वोट की गुहार लगाई।